कर्णदेव द्वितीय

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कर्णदेव द्वितीय गुजरात का शासक था, जो 1297 ई. में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलजी के गुजरात आक्रमण के समय वहाँ राज करता था। कर्णदेव द्वितीय बघेल राजपूत था। अलाउद्दीन ख़िलजी की फ़ौज से हुए युद्ध में वह पराजित हुआ, और उसकी रूपवती रानी कमला देवी को पकड़ लिया गया।

  • 1297 ई. में अलाउद्दीन ख़िलजी ने गुजरात के हिन्दू राज्य को जीतने के लिए सेना भेजी।
  • इस सेना का नेतृत्व अलाउद्दीन के भाई उलूग़ ख़ाँ तथा उसके वज़ीर नुसरत ख़ाँ ने किया।
  • युद्ध में राजा कर्णदेव द्वितीय पराजित हुआ और वह वहाँ से भाग निकला।
  • उसने भागकर देवगिरि के राजा रामचन्द्र देव की शरण ली।
  • कर्णदेव द्वितीय की रानी कमला देवी को बन्दी बनाकर सुल्तान के हरम में भेज दिया गया।
  • अलाउद्दीन ख़िलजी की फ़ौजों ने कर्णदेव को चैन से नहीं बैठने दिया।
  • फ़ौज़ लगातार कर्णदेव का पीछा करती रही, और दक्षिण में नन्दबार पहुँच गई।
  • नन्दबार में कर्णदेव ने अपना एक छोटा-सा राज्य स्थापित कर लिया था।
  • एक ज़बर्दस्त प्रतिरोध के बाद उसका राज्य उससे छीन लिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 79 |


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