ऐंटवर्प

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ऐंटवर्प बेल्ज्यिम के ऐंटवर्प प्रांत की राजधानी है। यह खुले समुद्र से 50 मी. तथा ब्रूसेल्स से 25 मी. की दूरी स्केल्ट नदी के दाहिने किनारे की समतल भूमि पर बसा है। यहाँ ज्वारभाटे के उतार के समय नदी में जल 30 से 40 फुट तक गहरा, तथा ज्वार आने पर 12 से 14 फुट से अधिक गहरा हो जाता है। बेल्जियम का यह नगर दुर्गो से अच्छी तरह सुरक्षित है। सन्‌ 1905 ई. के पश्चात्‌ यहाँ बड़े-बड़े जहाजों के ठहरने के स्थान और पक्के घाट बनाए गए हैं, तथा एक पतन के लिए आवश्यक आधुनिकतम सुविधाएँ अब यहाँ सुलभ हैं। इन सब आवश्यक सुविधाओं के सुलभ होने के कारण ऐंटवर्प संसार का सबसे सुंदर एवं व्यापारिक दृष्टि से अत्यधिक कार्यशील पत्तन है। यहाँ का वार्षिक औसत निर्यात 65,00,000 से लेकर 80,00,000 टन तक है। जिसका अनुमित मूल्य 36,00,000 डालर से लेकर 45,00,000 डालर तक है। औसत वार्षिक आयात का मूल्य इससे अधिक है। आयात की सबसे मुख्य वस्तु अन्न है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में वस्त्र तथा मदिरा बनाना, हीरों की कटाई, चीनी साफ करना, सिगार तथा तंबाकू तैयार करना इत्यादि हैं। आधुनिक ऐंटवर्प यूरोप के अत्यंत सुंदर तथा विकसित नगरों में से एक है। आज भी यहाँ बहुत से प्राचीन ऐतिहासिक भवन सुरक्षित हैं।

14 वीं शताब्दी का बना हुआ 'नोत्र दाम' का गिरजाघर यहाँ का सर्वाधिक दर्शनीय स्थान है। यह तीक्ष्णाग्र तोरणोंवाली गॉर्थिक (क्रदृद्यण्त्ड़) स्थापत्य कला का सुंदर उदाहरण है। इसमें एक अट्टालक है जिसकी ऊँचाई 400 फुट है। इस विशाल भवन का क्षेत्रफल 70,060 वर्ग फुट है तथा इस भवन में सुप्रसिद्ध कलाकार रूबेंज़ की चित्रकला देखने योग्य है।

इस नगर की स्थापना संभवत: आठवीं शताब्दी के पूर्व हुई थी। यहाँ के निवासी उस समय ऐंटवर्पियन अथवा गैनर्बियन कहलाते थे और उसी समय ये ईसाई धर्म में दीक्षित किए गए। महायुद्धों के समय इस सुंदर नगर को काफी क्षति उठानी पड़ी है। नगर की अनुमित जनसंख्या सन्‌ 1969 ई. में 15,29,826 थी।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 265 |

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