सिकन्दर शाह: Difference between revisions
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'''सिकन्दर शाह''' '[[सूर वंश]]' के संस्थापक [[शेरशाह]] का भतीजा था। वह 'सूर वंश' का पाँचवाँ और अंतिम शासक था। सिकन्दर शाह को [[जून]], 1555 में [[हुमायूँ]] ने पराजित करके [[जुलाई]] में [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा कर लिया। [[मुहम्मद आदिलशाह]] के [[हिन्दू]] सेनापति [[हेमू]] द्वारा पाला बदले जाने और [[पानीपत]] में पराजित (1556 ई.) होने के बाद 'सूर वंश' का पतन हो गया। | '''सिकन्दर शाह''' अथवा 'सिकन्दर सूर' '[[सूर वंश]]' के संस्थापक [[शेरशाह]] का भतीजा था। वह 'सूर वंश' का पाँचवाँ और अंतिम शासक था। सिकन्दर शाह को [[जून]], 1555 में [[हुमायूँ]] ने पराजित करके [[जुलाई]] में [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा कर लिया। [[मुहम्मद आदिलशाह]] के [[हिन्दू]] सेनापति [[हेमू]] द्वारा पाला बदले जाने और [[पानीपत]] में पराजित (1556 ई.) होने के बाद 'सूर वंश' का पतन हो गया। | ||
*1555 ई. में जब सिकन्दर शाह [[पंजाब]] का [[सूबेदार]] था, तब [[अफ़ग़ान|अफ़ग़ानों]] ने उसे बादशाह घोषित कर दिया था। | *1555 ई. में जब सिकन्दर शाह [[पंजाब]] का [[सूबेदार]] था, तब [[अफ़ग़ान|अफ़ग़ानों]] ने उसे बादशाह घोषित कर दिया था। |
Latest revision as of 12:48, 6 May 2013
सिकन्दर शाह अथवा 'सिकन्दर सूर' 'सूर वंश' के संस्थापक शेरशाह का भतीजा था। वह 'सूर वंश' का पाँचवाँ और अंतिम शासक था। सिकन्दर शाह को जून, 1555 में हुमायूँ ने पराजित करके जुलाई में दिल्ली पर क़ब्ज़ा कर लिया। मुहम्मद आदिलशाह के हिन्दू सेनापति हेमू द्वारा पाला बदले जाने और पानीपत में पराजित (1556 ई.) होने के बाद 'सूर वंश' का पतन हो गया।
- 1555 ई. में जब सिकन्दर शाह पंजाब का सूबेदार था, तब अफ़ग़ानों ने उसे बादशाह घोषित कर दिया था।
- गद्दी पर बैठने के कुछ ही समय बाद सरहिन्द के निकट एक युद्ध में सिकन्दर शाह को हुमायूँ ने पराजित कर दिया।
- पराजित होकर वह शिवालिक की पहाड़ियों की ओर चला गया और फिर वहाँ से बादशाह अकबर ने 1557 में उसे हराकर भगा दिया।
- सिकन्दर शाह भागकर बंगाल की ओर गया और 1558-1559 ई. में के बीच उसकी मृत्यु हो गई।
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