प्रांगण:मुखपृष्ठ/भाषा: Difference between revisions

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<div style="text-align:center;">[[खरोष्ठी|खरोष्ठी वर्णमाला]]</div>
<div style="text-align:center;">[[ब्राह्मी लिपि|अशोक की ब्राह्मी लिपि के अक्षर]]</div>
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* [[नमस्कार]]
* [[नमस्कार]]
* [[दीक्षा]]
* [[दीक्षा]]
* [[महादेवी वर्मा]]
* [[अंग्रेज़ी भाषा]]
* [[प्रेमचंद]]
* [[राजस्थानी भाषा]]
* [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
* [[हिन्दी वेबसाइट और ब्लॉग]]
* [[हिन्दी वेबसाइट और ब्लॉग]]
* [[रामधारी सिंह दिनकर]]
* [[अरबी भाषा]]
* [[जयशंकर प्रसाद]]
* [[ब्रजभाषा]]
* [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]
* [[कश्मीरी भाषा]]
* [[ब्राह्मी लिपि अशोक-काल]]
* [[देवनागरी लिपि]]
* [[खरोष्ठी|खरोष्ठी लिपि]]
* [[अशोक के शिलालेख]]
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<div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #afeac0">'''भाषा श्रेणी वृक्ष'''</div>
<div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #afeac0">'''भाषा श्रेणी वृक्ष'''</div>

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♦ यहाँ आप भारत के विभिन्न धर्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
♦ भारतीय संस्कृति की मूल विशेषता यह रही है कि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुरूप मूल्यों की रक्षा करते हुए कोई भी मत, विचार अथवा धर्म अपना सकता है।

भाषा मुखपृष्ठ

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♦ यहाँ हिन्दू धर्म के अगणित रूपों और संप्रदायों के अतिरिक्त, बौद्ध, जैन, सिक्ख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी आदि धर्मों की विविधता का भी एक सांस्कृतिक समायोजन देखने को मिलता है।
♦ आध्यात्मिकता हमारी संस्कृति का प्राणतत्त्व है। इनमें ऐहिक अथवा भौतिक सुखों की तुलना में आत्मिक अथवा पारलौकिक सुख के प्रति आग्रह देखा जा सकता है।

विशेष आलेख
  • हिन्दी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है।
  • सन 1991 ई. की जनगणना के अनुसार, 23.342 करोड़ भारतीय हिन्दी का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 33.727 करोड़ लोग इसकी लगभग 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं।
  • हिंदी की प्रमुख बोलियों में अवधी, भोजपुरी, ब्रज भाषा, छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, कुमांऊनी, मागधी और मारवाड़ी शामिल हैं।
  • हिन्दी की आदि जननि संस्कृत है। संस्कृत पालि, प्राकृत भाषा से होती हुई अपभ्रंश तक पहुँचती है।
  • हिन्दी के आधुनिक काल में प्रारम्भ में एक ओर उर्दू का प्रचार होने और दूसरी ओर काव्य की भाषा ब्रजभाषा होने के कारण खड़ी बोली को अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ा।
  • भाषा के सर्वागीण मानकीकरण का प्रश्न सबसे पहले 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने ही उठाया।
  • संविधान सभा में हिन्दी को राजभाषा बनाने का प्रस्ताव गोपाल स्वामी आयंगर ने रखा। संविधान सभा में राजभाषा के नाम पर हुए मतदान में हिन्दुस्तानी के 77 वोट तथा हिन्दी को 78 वोट मिले।
  • केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय ने लिपि के मानकीकरण पर अधिक ध्यान दिया और 'देवनागरी लिपि' तथा 'हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण' (1983 ई.) का प्रकाशन किया। .... और पढ़ें
चयनित चित्र

370px|ब्राह्मी लिपि|center


कुछ चुने हुए लेख
भाषा श्रेणी वृक्ष

संबंधित लेख