सेन थोमे बन्दरगाह: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "पुर्तगाल" to "पुर्तग़ाल") |
||
Line 3: | Line 3: | ||
*सेन थोमे से कलात्मक वस्तुएँ, सूती वस्त्र, गलीचे, धागे, मलमल आदि वस्तुएँ मक्का तथा इससे आगे के देशों में भेजी जाती थीं। परंतु चौदहवीं शताब्दी में इसका महत्त्व कम हो गया। | *सेन थोमे से कलात्मक वस्तुएँ, सूती वस्त्र, गलीचे, धागे, मलमल आदि वस्तुएँ मक्का तथा इससे आगे के देशों में भेजी जाती थीं। परंतु चौदहवीं शताब्दी में इसका महत्त्व कम हो गया। | ||
*मार्कोपोलो कहता है, 'यह बहुत कम जनसंख्या वाला छोटा-सा नगर है और यह एक ऐसा स्थान है, जहाँ बहुत थोड़े व्यापारी जाते हैं क्योंकि यहाँ सीमित व्यापारिक माल बिकता है।' लेकिन 16 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में सेन थोमे बन्दरगाह का पुनरुत्थान हुआ। | *मार्कोपोलो कहता है, 'यह बहुत कम जनसंख्या वाला छोटा-सा नगर है और यह एक ऐसा स्थान है, जहाँ बहुत थोड़े व्यापारी जाते हैं क्योंकि यहाँ सीमित व्यापारिक माल बिकता है।' लेकिन 16 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में सेन थोमे बन्दरगाह का पुनरुत्थान हुआ। | ||
*सेन थोमे में [[ | *सेन थोमे में [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ालियों]] ने अपनी सैनिक छावनी एवं आवास स्थली बनाई। इसके पुनरुत्थान का एक कारक प्रख्यात यूरोपीय व्यापारियों का आगमन भी था। | ||
Revision as of 10:37, 11 July 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- कोरोमंडल तट के दक्षिण में स्थित सेन थोमे चोल काल का एक प्रसिद्ध बन्दरगाह था और मायलापुर के नाम से प्रसिद्ध था।
- सेन थोमे से कलात्मक वस्तुएँ, सूती वस्त्र, गलीचे, धागे, मलमल आदि वस्तुएँ मक्का तथा इससे आगे के देशों में भेजी जाती थीं। परंतु चौदहवीं शताब्दी में इसका महत्त्व कम हो गया।
- मार्कोपोलो कहता है, 'यह बहुत कम जनसंख्या वाला छोटा-सा नगर है और यह एक ऐसा स्थान है, जहाँ बहुत थोड़े व्यापारी जाते हैं क्योंकि यहाँ सीमित व्यापारिक माल बिकता है।' लेकिन 16 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में सेन थोमे बन्दरगाह का पुनरुत्थान हुआ।
- सेन थोमे में पुर्तग़ालियों ने अपनी सैनिक छावनी एवं आवास स्थली बनाई। इसके पुनरुत्थान का एक कारक प्रख्यात यूरोपीय व्यापारियों का आगमन भी था।
|
|
|
|
|