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'''मकरान''' [[पाकिस्तान]] के [[सिंध प्रांत|सिंध]] और [[बलूचिस्तान]] प्रान्त के दक्षिणतम भाग में स्थित है। यह बलूचिस्तान और [[ईरान]] के सिस्तान प्रान्त के दक्षिणतम भाग में [[अरब सागर]] से लगा शुष्क तथा अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र है। मकरान का [[इतिहास]] में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान रहा था।  


*इस क्षेत्र से भारतीय उपमहाद्वीप और ईरान के बीच एक प्रमुख मार्ग गुज़रता है, जिससे कई तीर्थयात्री, खोजयात्री, व्यापारी और आक्रामणकारी इन दोनों भू-भागों के बीच आते-जाते थे।
*इस क्षेत्र से भारतीय उपमहाद्वीप और ईरान के बीच एक प्रमुख मार्ग गुज़रता है, जिससे कई तीर्थयात्री, खोजयात्री, व्यापारी और आक्रामणकारी इन दोनों भू-भागों के बीच आते-जाते थे।
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*बलूच और सिन्धी मूल के लोग मकरान में बसते हैं। साथ ही इनसे भिन्न बहुत से अफ़्रीकी जाति के लोग भी यहाँ हैं।
*बलूच और सिन्धी मूल के लोग मकरान में बसते हैं। साथ ही इनसे भिन्न बहुत से अफ़्रीकी जाति के लोग भी यहाँ हैं।
*यहाँ के अफ़्रीकी मूल के लोगों को 'मकरानी' बुलाया जाता है, जो [[भारत]] व [[पाकिस्तान]] में मिलने वाले 'सिदी समुदाय' का हिस्सा हैं।
*यहाँ के अफ़्रीकी मूल के लोगों को 'मकरानी' बुलाया जाता है, जो [[भारत]] व [[पाकिस्तान]] में मिलने वाले 'सिदी समुदाय' का हिस्सा हैं।
*मकरान में संगमरमर के समान ही एक बेशकीमती इमारती पत्थर बहुतायत में पाया जाता है, जिसे 'मकराना' कहा जाता है।


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मकरान पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान प्रान्त के दक्षिणतम भाग में स्थित है। यह बलूचिस्तान और ईरान के सिस्तान प्रान्त के दक्षिणतम भाग में अरब सागर से लगा शुष्क तथा अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र है। मकरान का इतिहास में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान रहा था।

  • इस क्षेत्र से भारतीय उपमहाद्वीप और ईरान के बीच एक प्रमुख मार्ग गुज़रता है, जिससे कई तीर्थयात्री, खोजयात्री, व्यापारी और आक्रामणकारी इन दोनों भू-भागों के बीच आते-जाते थे।
  • मकरान क्षेत्र वैसे तो भारतीय उपमहाद्वीप का क्षेत्र माना जाता है, किंतु प्राचीन काल में ईरान के हख़ामनी साम्राज्य ने इस पर क़ब्ज़ा करके इसे अपना 'सात्रापी' (प्रान्त) बना लिया था।
  • इस सात्रापी का नाम 'माका' रखा गया था, कालांतर में आगे चलकर इसी से इस क्षेत्र का नाम 'मकरान' पड़ा।
  • बलूच और सिन्धी मूल के लोग मकरान में बसते हैं। साथ ही इनसे भिन्न बहुत से अफ़्रीकी जाति के लोग भी यहाँ हैं।
  • यहाँ के अफ़्रीकी मूल के लोगों को 'मकरानी' बुलाया जाता है, जो भारतपाकिस्तान में मिलने वाले 'सिदी समुदाय' का हिस्सा हैं।
  • मकरान में संगमरमर के समान ही एक बेशकीमती इमारती पत्थर बहुतायत में पाया जाता है, जिसे 'मकराना' कहा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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