मदकरी नायक: Difference between revisions
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मदकरी नायक (अंग्रेज़ी: Madakari Nayaka, जन्म- 1730 ई., मृत्यु- 1779 ई.) भारत के चित्रदुर्ग के अन्तिम शासक थे। हैदर अली द्वारा मैसूर पर किये गए एक हमले में मदकरी नायक को चित्रदुर्ग से हाथ धोना पड़ा और हैदर अली के पुत्र टीपू सुल्तान द्वारा उनकी हत्या कर दी गयी।
- मदकरी नायक के शासन काल के दौरान हैदर अली की सेनाओं द्वारा चित्रदुर्ग शहर की घेराबंदी कर कर दी गयी थी।
- हैदर अली ने एक महिला को चट्टानों के बीच छेद से चित्रदुर्ग में प्रवेश करते देखा और अपने सैनिकों को भी उसी मार्ग से अंदर भेज दिया।
- उस छेद के निकट के मचान का पहरेदार दोपहर के भोजन के लिए घर गया हुआ था। घर पर पानी न होने के कारण उसकी पत्नी ओबव्वा बाहर निकली। मार्ग में उसने हैदर अली के सैनिकों को छेद के रास्ते किले में प्रवेश करते देखा।
- वह अपने पति के भोजन में खलल नहीं डालना चाहती थी, इसलिए उसने एक ओनेक[1] उठाया और किले के अंदर घुसने की कोशिश करने वाले सैनिकों को एक-एक कर मारना शुरू कर दिया।
- भोजन से लौटने के बाद ओबव्वा का पति उसके हाथ में खून से सने ओनेक और आसपास पड़े सैकड़ों मृत सैनिकों को देखकर सकते में आ गया।
- यह कहानी और 'तान्निरू दोनी', जल का एक लघु स्रोत जिसमे वर्ष भर ठंडा पानी रहता है, वहां की लोक कथाओं में काफी प्रसिद्ध है।
- हैदर अली ने 1799 ई. में फिर हमला किया और किले पर कब्जा कर लिया। यह स्थान अपने कल्लिना कोट[2] के लिए प्रसिद्ध है और सात चक्करों वाला किला भी यहीं स्थित है, जिसे बड़ी-बड़ी चट्टानों से बनाया गया है।
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