राजा गणेश

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:38, 31 July 2014 by गोविन्द राम (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

राजा गणेश (1414-1415 एवं 1416-1418) उत्तरी बंगाल के दीनजपुर का एक शक्तिशाली सामंत था। योग्यता, अनुभव, सम्पत्ति और अन्य साधन स्रोतों ने राजा गणेश को बंगाल के सुल्तान ग़यासुद्दीन आज़म (लगभग 1393-1410 ई.) के दरबार का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बना दिया।

शासन

1410 ई. में सुल्तान ग़यासुद्दीन आज़म की मृत्यु के बाद उसके युवा पुत्रों में उत्तराधिकार का युद्ध छिड़ गया और इस कारण से देश में अव्यवस्था व्याप्त हो गई। इस अराजक स्थिति का लाभ उठाकर राजा गणेश 1414 ई. में बंगाल के तख़्त पर बैठ गया। उसने 'दनुजर्दनदेव' की उपाधि धारण की। राजा गणेश ने चार वर्षों तक शासन किया। इस दौरान उसके राज्य पर जौनपुर के सुल्तान इब्राहीम शाह की फ़ौज ने हमला किया। राजा गणेश ने हमलावरों को भगाया और कुशलतापूर्वक शासन करता रहा।

मृत्यु

1418 ई. में वृद्धावस्था के कारण राजा गणेश की मृत्यु हो गई।

वंश का अंत

राजा गणेश अपने पीछे दो पुत्रों को छोड़कर मरा। बड़े पुत्र का नाम जद्दू था, जिसने बाद में इस्लाम धर्म स्वीकार करके अपना नाम जलालुद्दीन रख लिया और छोटे का नाम महेन्द्र था, जो अपने परम्परागत हिन्दू धर्म के प्रति ही आस्थावान बना रहा। राजा की मृत्यु के बाद कुछ लोगों ने महेन्द्र को सिंहासन पर बैठाने का असफल प्रयास किया। किन्तु अंतत: बंगाल की राजगद्दी बड़े पुत्र जद्दू या जलालुद्दीन को ही मिली। उसने बंगाल पर 1418-1431 तक शासन किया। जलालुद्दीन का पुत्र और उत्तराधिकारी शमसुद्दीन अहमद मूर्ख और निर्दयी शासक था। 1442 ई. में दो ग़ुलामों ने उसकी हत्या कर दी। इसके साथ ही राजा गणेश के वंश का अंत हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश' पृष्ठ संख्या-117

संबंधित लेख

Template:साँचा:मध्य काल


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः