नन्दी तिम्मन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:27, 11 October 2022 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''नन्दी तिम्मन''' अथवा 'नन्दी थिम्मन' मध्यकालीन विजय...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

नन्दी तिम्मन अथवा 'नन्दी थिम्मन' मध्यकालीन विजय नगर साम्राज्य के 'अष्टदिग्गज' कवियों में से एक था। महान कवि 'नन्दी तिम्मन' ने ‘पारिजातहरण’ की रचना की थी।

  • विजय नगर साम्राज्य के श्रेष्ठ शासक कृष्णदेव राय के दरबार में तेलुगु साहित्य के 8 सर्वश्रेष्ठ कवि रहते थे, जिन्हें 'अष्टदिग्गज' कहा जाता था। अष्टदिग्गजों में शामिल कवियों के नाम निम्न प्रकार हैं-
  1. अल्ल सानि पेद्दन
  2. नन्दी तिम्मन
  3. धूर्जटि
  4. मादय्यगरि मल्लन
  5. अय्यलराजु रामभध्रुडु
  6. पिंगलीसूरन्न
  7. रामराजभूषणुडु (भट्टूमुर्ति)
  8. तेनालि रामकृष्णा
  • एक महिला की नाक पर नन्दी तिम्मन की प्रसिद्ध कविता के बाद उन्हें अक्सर 'मुक्कू थिम्माना' (नाक का थिम्माना) कहा जाता था।
  • दावा किया जाता है कि नन्दी तिम्मन कवि कृष्णदेव राय की वरिष्ठ पत्नी तिरुमल देवी के परिवार से उपहार स्वरूप दरबार में पहुंचे थे।
  • नन्दी तिम्मन एक शैव थे और गुरु अघोरा शिव के शिष्य थे। फिर भी उनकी कुछ रचनाएँ वैष्णववाद पर आधारित हैं। उनके चाचा नंदी मलाया और गंता सिंगाना कृष्णदेव राय के सौतेले भाई वीरनरसिंह राय के दरबार में प्रसिद्ध काव्य जोड़ी थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः