अलाउद्दीन हुसैनशाह: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''अलाउद्दीन हुसैनशाह''' [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 2: Line 2:


*बंगाल के अमीरों ने 1493 ई. में [[मुस्लिम]] सुल्तानों में योग्य हुसैनशाह को बंगाल की गद्दी पर बैठाया था।
*बंगाल के अमीरों ने 1493 ई. में [[मुस्लिम]] सुल्तानों में योग्य हुसैनशाह को बंगाल की गद्दी पर बैठाया था।
*गद्दी पर बैठने के बाद हुसैनशाह ने 'हुसैनशाह वंश' की शुरुआत की, जिसने लगभग 1493 से 1539 ई. तक शासन किया।
*गद्दी पर बैठने के बाद हुसैनशाह ने 'हुसैनशाह वंश' की शुरुआत की, जिसने लगभग 1493 से 1538 ई. तक शासन किया।
*हुसैनशाह ने अपनी राजधानी को पांडुआ से [[गौड़]] स्थानान्तरित कर लिया था।
*हुसैनशाह ने अपनी राजधानी को पांडुआ से [[गौड़]] स्थानान्तरित कर लिया था।
*[[हिन्दू|हिन्दुओं]] को ऊँचे पदों जैसे- वज़ीर, मुख्य चिकित्सक, मुख्य अंगरक्षक एवं टकसाल के मुख्य अधिकारी के पद पर हुसैनशाह के शासन में नियुक्त किया गया।
*[[हिन्दू|हिन्दुओं]] को ऊँचे पदों जैसे- वज़ीर, मुख्य चिकित्सक, मुख्य अंगरक्षक एवं टकसाल के मुख्य अधिकारी के पद पर हुसैनशाह के शासन में नियुक्त किया गया।

Revision as of 11:45, 6 May 2013

अलाउद्दीन हुसैनशाह बंगाल का सुल्तान था, उसने 1493 से 1519 ई. तक शासन किया था। वह पहले बंगाल के सुल्तान शम्सुद्दीन का बड़ा वज़ीर था। शम्सुद्दीन बड़ा जालिम था, जिस कारण सरदारों ने उसका वध कर दिया और हुसैनशाह को गद्दी पर बैठा दिया। गद्दी पर बैठने के बाद उसने अपना नाम सुल्तान अलाउद्दीन हुसैनशाह रखा।

  • बंगाल के अमीरों ने 1493 ई. में मुस्लिम सुल्तानों में योग्य हुसैनशाह को बंगाल की गद्दी पर बैठाया था।
  • गद्दी पर बैठने के बाद हुसैनशाह ने 'हुसैनशाह वंश' की शुरुआत की, जिसने लगभग 1493 से 1538 ई. तक शासन किया।
  • हुसैनशाह ने अपनी राजधानी को पांडुआ से गौड़ स्थानान्तरित कर लिया था।
  • हिन्दुओं को ऊँचे पदों जैसे- वज़ीर, मुख्य चिकित्सक, मुख्य अंगरक्षक एवं टकसाल के मुख्य अधिकारी के पद पर हुसैनशाह के शासन में नियुक्त किया गया।
  • हुसैनशाह एक धर्म निरपेक्ष शासक था। चैतन्य महाप्रभु उसके समकालीन थे।
  • 'सत्यपीर' नाम के एक आन्दोलन की शुरुआत भी हुसैनशाह की थी।
  • बंगाली साहित्य हुसैनशाह के शासन में काफ़ी विकसित हुआ। दो विद्वान वैष्णव भाई 'रूप' एवं 'सनातन' उसके प्रमुख अधिकारी थे।
  • हुसैनशाह ने अहोमों के सहयोग से सुल्तान कामताराजा को नष्ट किया।
  • हिन्दू लोग हुसैनशाह को कृष्ण का अवतार मानते थे। उसने 'नृपति तिलक' एवं 'जगतभूषण' आदि की उपाधियाँ धारण कीं।
  • अलाउद्दीन हुसैनशाह की वर्ष 1519 ई. में मृत्यु हो गई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख