गीता 6:30: Difference between revisions
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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सर्वत्र भगद्दर्शन से भगवान् के साक्षात्कार की बात कहकर उस भगवत्-प्राप्त पुरुष के लक्षण और | सर्वत्र भगद्दर्शन से भगवान् के साक्षात्कार की बात कहकर उस भगवत्-प्राप्त पुरुष के लक्षण और महत्त्व का निरूपण करते हैं- | ||
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Revision as of 10:27, 13 March 2011
गीता अध्याय-6 श्लोक-30 / Gita Chapter-6 Verse-30
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