गीता 18:77: Difference between revisions
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इस प्रकार गीताशास्त्र की स्मृति का महत्त्व बतलाकर अब < | इस प्रकार गीताशास्त्र की स्मृति का महत्त्व बतलाकर अब [[संजय]]<ref>संजय [[धृतराष्ट्र]] की राजसभा का सम्मानित सदस्य था। जाति से वह बुनकर था। वह विनम्र और धार्मिक स्वभाव का था और स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध था। वह राजा को समय-समय पर सलाह देता रहता था।</ref> अपनी स्थिति का वर्णन करते हुए भगवान् के विराट् स्वरूप की स्मृति का महत्त्व दिखलाते हैं। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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Revision as of 07:27, 7 January 2013
गीता अध्याय-18 श्लोक-77 / Gita Chapter-18 Verse-77
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख |
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