अपनी प्रकृति को अंगीकार करके स्वभाव के बल से परतन्त्र हुए इस सम्पूर्ण भूत समुदाय को बार-बार उनके कर्मों के अनुसार रचता हूँ ।।8।।
Wielding my nature I release, again and again,(according to their respective actions) all this multitude of beings subject to the influence of their own nature. (8)
स्वाम् = अपनी ; अवष्टभ्य = अग्डीकार करके ; प्रकृते: = स्वभाव के ; वशात् = सशसे ; अवशम् = परतन्त्र हुए ; इमम् = इस ; कृत्स्त्रम् = संपूर्ण ; प्रकृतिम् = त्रिगुणमयी माया को ; भूतग्रामम् = भूतसमुदाय को ; पुन: पुन: = बारम्बार (उनके कर्मों के अनुसार) ; विसृजामि = रचता हूं ;