काया, सिर और गले को समान एवं अचल धारण करके और स्थिर होकर, अपनी नासिका के अग्रभाग पर दृष्टि जमा कर, अन्य दिशाओं को न देखता हुआ- ।।13।।
Holding the trunk, head and neck straight and steady, remaining firm and fixing the gaze on the tip of his nose, without looking in other direction. (13)
कायशिरोग्रीवम् = काया शिर और ग्रीवा को;समम् = समान; च =और अचलम् = अचल; धारयन् =धारण किये हुए; स्थिर: = दृढ़ (होकर); स्वम् = अपने; नासिकाग्रम् = नासिका के अग्रभाग को; संप्रेक्ष्य =देखकर; दिश: = अन्य दिशाओं को; अनवलोकयन् = न देखता हुआ;