आप उन सम्पूर्ण लोकों को प्रज्वलित मुखों द्वारा ग्रास करते हुए सब ओर से बार- बार चाट रहे हैं, हे विष्णो[1] ! आपका उग्र प्रकाश सम्पूर्ण जगत् को तेज़ के द्वारा परिपूर्ण करके तपा रहा है ।।30।।
Swallowing through your blazing mouths; You are licking all those pepole on all sides. Lord, your terrible splendours are burning the entire universe, filling it with radiance. (30)
समग्रान् = संपूर्ण; लोकान् = लोकोंको; ज्वलभ्दि = प्रज्वलित; वदनै: = मुखों द्वारा ; ग्रसमान: ग्रसन करते हुए; समन्तात् = लेलिह्रासे = चाट रहे हैं; विष्णों = हे विष्णों; उग्रा: = उग्र; समग्रम् = संपूर्ण; जगत् = जगत् को; तेजोभि: = तेज़ के द्वारा; आपूर्य = परिपूर्ण करके; प्रतपन्ति = तपायमान करता है