मैं वैसे ही आपको मुकुट धारण किये हुए तथा गदा और चक्र हाथ में लिये हुए देखना चाहता हूँ, इसलिये हे विश्व स्वरूप ! हे सहस्त्रबाहो[1] ! आप उसी चतुर्भुज रूप से प्रकट होइये। ।।46।।
I wish to see you adorned in the same way with a diadem on the head, and holding a mace and a discus in two of your hands. O Lord with a thousand arms, O universal being, appear again in the same four-armed form. (46)
तथा = वैसे; त्वाम् = आपको; किरीटिनम् = मुकुट धारणकिए हुए(तथा); गदिनम् चक्रहस्तम् = गदा और चक्र हाथ में लिये हुए; द्रष्टुम् = देखना; इच्छामि = चाहता हूं; (अतJ = इसलिये; विश्वमूर्ते = हे विश्वस्वरूप; तेन = उस; भव = होइये