ताइवान

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 09:06, 10 February 2021 by आदित्य चौधरी (talk | contribs) (Text replacement - "विलंब" to "विलम्ब")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

thumb|250px|ताइवान का ध्वज ताइवान या 'ताईवान' पूर्व एशिया में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप अपने आसपास के कई द्वीपों को मिलाकर चीनी गणराज्य का अंग है, जिसका मुख्यालय ताइवान द्वीप ही है। इस कारण प्रायः ताइवान का अर्थ चीनी गणराज्य से भी लगाया जाता है। यूं तो यह ऐतिहासिक तथा संस्कृतिक दृष्टि से मुख्य भूमि चीन का अंग रहा है।

इतिहास

सन 1949 में चीन में दो दशक तक चले गृहयुद्ध के अंत में जब 'पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना' के संस्थापक माओत्से तुंग ने पूरे चीन पर अपना अधिकार जमा लिया तो विरोधी राष्ट्रवादी पार्टी के नेता और समर्थक ताइवान भाग खड़े हुए। माओ के डर से ताइवान अमेरिका के संरक्षण में चला गया। 1950 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने जल सेना का जंगी जहाज़ 'सातवां बेड़ा' ताइवान और चीन के बीच के समुद्र में पहरेदारी करने भेजा। सन 1954 में अमेरिकी राष्ट्रपति आइज़न हावर ने ताइवान के साथ आपसी रक्षा संधि पर भी हस्ताक्षर किए। शुरू में 'रिपब्लिक ऑफ़ चाइना' (ताइवान) 'संयुक्त राष्ट्र संघ' का सदस्य था और चीन नहीं। धीरे-धीरे अमेरिका के संबंध चीन से अच्छे होने लगे। जब विश्व में चीन का दबदबा बढ़ने लगा तो सन 1971 में चीन को संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता मिल गई और चीन के दबाव में ताइवान की सदस्यता खारिज कर दी गई। चीन ने ताइवान को अपना प्रांत घोषित कर दिया। धीरे-धीरे चीन के राजनीतिक दबाव की वजह से अन्य राष्ट्रों ने भी ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध तोड़ लिए।[1]

चुनाव तथा स्वतंत्रता

ताइवान में सन 2000 के चुनावों में स्वतंत्र ताइवान समर्थकों की जीत हुई, किंतु चीन ने चेतावनी दे दी कि उसे ताइवान की स्वतंत्रता स्वीकार नहीं है। आठ वर्षों के इस दल के शासन में कई बार ऐसे अवसर भी आए, जब चीन और ताइवान युद्ध पर उतारू हो गए। चीन ने बारह सौ मिसाइलें ताइवान की ओर मुंह करके तान दी थीं। दूसरी ओर ताइवान के पास एक बड़ी सेना है। सेना की संख्या, ताइवान की जनसंख्या का करीब एक प्रतिशत है। किसी भी किस्म की स्वतंत्रता घोषित करने या चीन के साथ एकीकरण में अनिश्चितकालीन विलम्ब करने के विरुद्ध ताइवान को कई बार चीन से धमकियां मिल चुकी हैं। 2008 के चुनावों में सत्तारुढ़ दल की हार हुई, जो दल सत्ता में आया उसके नेता तथा ताइवान के राष्ट्रपति मा यिंग जू के बारे में माना जाता है कि वे चीन के साथ संघीकरण के समर्थक हैं, इसलिए चीनी प्रशासन ने भी 2008 से ताइवान के प्रति अपना रुख नरम कर लिया। मा ने अपने कार्यकाल में चीन के साथ कई व्यापारिक और पर्यटन के समझौते किए।

मजबूत अर्थव्यवस्था

ताइवान की जनसंख्या ढाई करोड़ से कम है और इसकी राजधानी ताइपेई है। यह चीन की समुद्री सीमा से मात्र सौ मील की दूरी पर स्थित है। इस छोटे से देश में आर्थिक और औद्योगिक विकास बहुत तेज़ीसे हुआ है। विशेषकर इलेक्टॉनिक उपकरणों के उत्पादन और उच्च तकनीक उद्योग ने दुनिया के नक़्शे पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। आज कई उपकरणों पर 'मेड इन ताइवान' लिखा देखा जा सकता है। ताइवान की अर्थव्यवस्था मजबूत है तथा इसकी मुद्रा ताइवानी डॉलर भारतीय रुपए के मुकाबले दुगुनी मजबूत है अर्थात् एक ताइवानी डॉलर से दो रुपए ख़रीदे जा सकते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 एक राष्ट्र है, जो राष्ट्र है भी और नहीं भी (हिन्दी) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 10 फरवरी, 2015।

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः