गीता 2:19: Difference between revisions
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पूर्व श्लोक में यह कहा कि 'आत्मा किसी के द्वारा नहीं मारा जाता', इस पर यह जिज्ञासा होती है कि आत्मा किसी के द्वारा नहीं मारा जाता, इसमें क्या कारण है ? इसके उत्तर में भगवान् आत्मा में सब प्रकार के विकारों का अभाव बतलाते हुए उसके स्वरूप का प्रतिपादन करते हैं- | पूर्व श्लोक में यह कहा कि '[[आत्मा]] किसी के द्वारा नहीं मारा जाता', इस पर यह जिज्ञासा होती है कि आत्मा किसी के द्वारा नहीं मारा जाता, इसमें क्या कारण है ? इसके उत्तर में भगवान् आत्मा में सब प्रकार के विकारों का अभाव बतलाते हुए उसके स्वरूप का प्रतिपादन करते हैं- | ||
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==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | |||
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Latest revision as of 06:37, 4 January 2013
गीता अध्याय-2 श्लोक-19 / Gita Chapter-2 Verse-19
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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