गीता 14:14: Difference between revisions
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इस प्रकार तीनों गुणों की वृद्धि के भिन्न-भिन्न लक्षण बतलाकर अब दो श्लोकों में उन गुणों में से किस गुण की वृद्धि के समय मनुष्य मरकर किस गति को प्राप्त होता है, यह बतलाया जाता है- | इस प्रकार तीनों गुणों की वृद्धि के भिन्न-भिन्न लक्षण बतलाकर अब दो [[श्लोक|श्लोकों]] में उन गुणों में से किस गुण की वृद्धि के समय मनुष्य मरकर किस गति को प्राप्त होता है, यह बतलाया जाता है- | ||
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Latest revision as of 10:26, 6 January 2013
गीता अध्याय-14 श्लोक-14 / Gita Chapter-14 Verse-14
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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