गीता 8:11: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{गीता2}}" to "{{प्रचार}} {{गीता2}}") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "सन्न्यासी" to "संन्यासी") |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<table class="gita" width="100%" align="left"> | <table class="gita" width="100%" align="left"> | ||
<tr> | <tr> | ||
Line 9: | Line 8: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
पाँचवें श्लोक में भगवान् का चिन्तन करते | पाँचवें [[श्लोक]] में भगवान् का चिन्तन करते-करते मरने वाले साधारण मनुष्य की गति का संक्षेप में वर्णन किया गया, फिर आठवें से दसवें श्लोक तक भगवान् के 'अधियज्ञ' नामक सगुण निराकार दिव्य अव्यक्त स्वरूप का चिन्तन करने वाले योगियों की अन्तकालीन गति के संबंध में बतलाया, अब ग्यारवें से तेरहवें श्लोक तक परम अक्षर निर्गुण परब्रह्म की उपासना करने वाले योगियों की अन्तकालीन गति का वर्णन करने के लिये पहले उस अक्षर ब्रह्म की प्रशंसा करके उसे बतलाने की प्रतिज्ञा करते हैं- | ||
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> | ||
Line 25: | Line 24: | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
< | [[वेद]]<ref>वेद [[हिन्दू धर्म]] के प्राचीन पवित्र ग्रंथों का नाम है, इससे वैदिक संस्कृति प्रचलित हुई।</ref> के जानने वाले विद्वान् जिस सच्चिदानन्दघन रूप परमपद को अविनाशी कहते हैं, आसक्ति रहित यत्नशील संन्यासी महात्माजन जिसमें प्रवेश करते हैं, और जिस परमपद को चाहने वाले ब्रह्मचारी लोग [[ब्रह्मचर्य]] का आचरण करते हैं, उस परम पद को मैं तेरे लिये संक्षेप से कहूँगा ।।11।। | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
Line 60: | Line 59: | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | {{गीता2}} | ||
</td> | </td> |
Latest revision as of 11:44, 3 August 2017
गीता अध्याय-8 श्लोक-11 / Gita Chapter-8 Verse-11
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख |
||||