अंजलिका वेध: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - " नही " to " नहीं ")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
'''अंजलिका वेध''' [[हाथी]] के पेट के स्थानविशेष को थपथपाने की क्रिया को कहते हैं। इससे हाथी को इतना आनंद आता है कि वह महावत के हाँकने पर भी आगे नही बढ़ता। [[भीमसेन]] ने [[महाभारत]] युद्ध में भगदत्त के हाथी को इसी तरह थपथपाकर अपने काबू में किया था।  
'''अंजलिका वेध''' [[हाथी]] के पेट के स्थानविशेष को थपथपाने की क्रिया को कहते हैं। इससे हाथी को इतना आनंद आता है कि वह महावत के हाँकने पर भी आगे नहीं बढ़ता। [[भीमसेन]] ने [[महाभारत]] युद्ध में भगदत्त के हाथी को इसी तरह थपथपाकर अपने काबू में किया था।  








{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{महाभारत}}
[[Category:नया पन्ना अक्टूबर-2012]]
[[Category:महाभारत]]
 
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 12:47, 2 September 2013

अंजलिका वेध हाथी के पेट के स्थानविशेष को थपथपाने की क्रिया को कहते हैं। इससे हाथी को इतना आनंद आता है कि वह महावत के हाँकने पर भी आगे नहीं बढ़ता। भीमसेन ने महाभारत युद्ध में भगदत्त के हाथी को इसी तरह थपथपाकर अपने काबू में किया था।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख