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'''अंतिओक''' पश्चिमी एशिया में इस नाम के अनेक नगर लबुएशिया तक बसते चले गए थे। अंतिओक प्राचीन काल का प्रसिद्ध ईसाइ धर्म प्रचारक देश है। इनमें सबसे महत्व नगर सीरिया में है,जो लेबनान और तोरस पर्वतमालाओं के बीच में है। जो सागर से प्राय: २० मील दूर ओरोंतीज़ नदी के बाएँ किनारे पर बसा है।यह [[सिकंदर]] के साम्राज्य [[सेल्यूकस]] के हिस्से की [[राजधानी]] है।सेल्यूकस ने ही इस नगर को बसाया था। यह एक तुर्की नगर है। <ref name=antiok>{{cite web |url= http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%93%E0%A4%95|title= |accessmonthday= 12 जून|accessyear= 2015|last= |first= |authorlink= |format= |publisherभारतखोज |language= हिन्दी}}</ref>
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*इसका वर्तमान नाम अताक्या है।
*इसका वर्तमान नाम अताक्या है।
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*इसके निर्माण का आरंभ उसी के शत्रु अंतिगोनस ने किया था।  
*इसके निर्माण का आरंभ उसी के शत्रु अंतिगोनस ने किया था। धीरे-धीरे, इस नगर का विस्तार होता गया।  
*धीरे-धीरे, इस नगर का विस्तार होता गया।  
*चौथी सदी में इसकी जनसंख्या ढाई लाख हो गई। बाद में रोमनों ने इसे जीत लिया।  
*चौथी सदी में इसकी जनसंख्या ढाई लाख हो गई। बाद में रोमनों ने इसे जीत लिया।  
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*इस तुर्की नगर की भाषा भी तुर्की है।  


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अंतिओक पश्चिमी एशिया में इस नाम के अनेक नगर लबुएशिया तक बसते चले गए थे। अंतिओक प्राचीन काल का प्रसिद्ध ईसाई धर्म प्रचारक देश है। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण नगर सीरिया में है, जो लेबनान और तोरस पर्वतमालाओं के बीच में है। जो सागर से प्राय: 20 मील दूर ओरोंतीज़ नदी के बाएँ किनारे पर बसा है। यह सिकंदर के साम्राज्य सेल्यूकस के हिस्से की राजधानी है। सेल्यूकस ने ही इस नगर को बसाया था। यह एक तुर्की नगर है। [1]

  • इसका वर्तमान नाम अताक्या है।
  • लघु एशिया, फरात की उपरली घाटी, मिस्र और फिलिस्तीन से आने वाली सारी राहें यहीं मिलती हैं और यहीं उन सबके व्यापार का केंद्र था।
  • इसके निर्माण का आरंभ उसी के शत्रु अंतिगोनस ने किया था। धीरे-धीरे, इस नगर का विस्तार होता गया।
  • चौथी सदी में इसकी जनसंख्या ढाई लाख हो गई। बाद में रोमनों ने इसे जीत लिया।
  • इस तुर्की नगर की भाषा भी तुर्की है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अंतिओक (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 12 जून, 2015।

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