गीता 5:22: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " मे " to " में ") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "महत्व" to "महत्त्व") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
विषय भोगों को काम-क्रोधादि के निमित्त से दुख के हेतु बतलाकर अब मनुष्य शरीर का | विषय भोगों को काम-क्रोधादि के निमित्त से दुख के हेतु बतलाकर अब मनुष्य शरीर का महत्त्व दिखलाते हुए भगवान् काम-क्रोधादि दुर्जय शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर लेने वाले पुरुष की प्रशंसा करते हैं- | ||
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> |
Revision as of 10:27, 13 March 2011
गीता अध्याय-5 श्लोक-22 / Gita Chapter-5 Verse-22
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||