द्रोण पर्व महाभारत: Difference between revisions
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Revision as of 07:13, 22 May 2010
द्रोण पर्व के अन्तर्गत 8 (उप) पर्व और 202 अध्याय हैं। इन आठों (उप) पर्वों के नाम हैं-
- द्रोणाभिषेक पर्व,
- संशप्तकवध पर्व,
- अभिमन्युवध पर्व,
- प्रतिज्ञा पर्व,
- जयद्रथवध पर्व,
- घटोत्कचवध पर्व,
- द्रोणवध पर्व,
- नारायणास्त्रमोक्ष पर्व।
द्रोण पर्व में भीष्म के धराशायी होने पर कर्ण का आगमन और युद्ध करना, सेनापति पद पर द्रोणाचार्य का अभिषेक, द्रोणाचार्य द्वारा भयंकर युद्ध, अर्जुन का संशप्तकों से युद्ध, द्रोणाचार्य द्वारा चक्रव्यूह का निर्माण, अभिमन्यु द्वारा पराक्रम और व्यूह में फँसे हुए अकेले नि:शस्त्र अभिमन्यु का कौरव महारथियों द्वारा वध, षोडशराजकीयोपाख्यान, अभिमन्यु के वध से पाण्डव-पक्ष में शोक, संशप्तकों के साथ युद्ध करके लौटे हुए अर्जुन द्वारा जयद्रथवध की प्रतिज्ञा, कृष्ण द्वारा सहयोग का आश्वासन, अर्जुन का द्रोणाचार्य तथा कौरव-सेना से भयानक युद्ध, अर्जुन द्वारा जयद्रथ का वध, दोनों पक्षों के वीर योद्धाओं के बीच भीषण रण, कर्ण द्वारा घटोत्कच का वध, धृष्टद्युम्न द्वारा द्रोणाचार्य का वध।