आश्वमेधिक पर्व महाभारत: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Adding category Category:महाभारत के पर्व (Redirect Category:महाभारत के पर्व resolved) (को हटा दिया गया हैं।))
Line 12: Line 12:
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:महाभारत के पर्व]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 13:11, 13 October 2011

इस पर्व में 113 अध्याय हैं। आश्वमेधिक पर्व में महर्षि व्यास द्वारा अश्वमेध यज्ञ करने के लिए आवश्यक धन प्राप्त करने का उपाय युधिष्ठिर से बताना और यज्ञ की तैयारी, अर्जुन द्वारा कृष्ण से गीता का विषय पूछना, श्री कृष्ण द्वारा अनेक आख्यानों द्वरा अर्जुन का समाधान करना, ब्राह्मणगीता का उपदेश, अन्य आध्यात्मिक बातें, पाण्डवों द्वारा दिग्विजय करके धन का आहरण, अश्वमेध यज्ञ की सम्पन्नता, युधिष्ठिर द्वारा वैष्णवधर्मविषयक प्रश्न और श्रीकृष्ण द्वारा उसका समाधान आदि विषय वर्णित हैं।

अश्वमेध यज्ञ

कुछ ही समय बाद युधिष्ठिर ने अश्वमेध यज्ञ करने का निश्चय किया। यज्ञ का घोड़ा छोड़ा गया तथा अर्जुन घोड़े के रक्षक बनकर देश-देश विचरने लगे। केवल त्रिगर्त के राजा केतुवर्मा ने घोड़ा पकड़ा, पर अर्जुन के सामने उसकी एक न चली तथा उसने भी युधिष्ठिर की अधीनता स्वीकार कर ली। युधिष्ठिर का अश्वमेध यज्ञ पूर्ण हुआ।

आश्वमेधिक पर्व के अन्तर्गत 3 (उप) पर्व हैं-

  • अश्वमेध पर्व,
  • अनुगीता पर्व,
  • वैष्णव पर्व।

संबंधित लेख