आमरी: Difference between revisions
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*आमरी में मिले मकानों के अवशेषों से पता चलता है कि लोग पत्थर और [[मिट्टी]] की [[ईंट (लेखन सामग्री)|ईंटों]] के मकानों में रहते थे। | *आमरी में मिले मकानों के अवशेषों से पता चलता है कि लोग पत्थर और [[मिट्टी]] की [[ईंट (लेखन सामग्री)|ईंटों]] के मकानों में रहते थे। |
Latest revision as of 14:01, 6 March 2012
आमरी पाकिस्तान के सिंध में स्थित है। इस स्थल की खोज एन.जी. मजूमदार द्वारा सन् 1929 ई. में की गई तथा बाद में जीन कजाल ने इस स्थल का उत्खनन कराया।
- आमरी की एक विलक्षण बात यह है कि यहाँ प्रागैतिहासिक, सिन्धु पूर्व संस्कृति और परवर्ती सिन्धु सभ्यता के बीच संक्रमण का काल परिलक्षित होता है।
- आमरी में मिले मकानों के अवशेषों से पता चलता है कि लोग पत्थर और मिट्टी की ईंटों के मकानों में रहते थे।
- उन्होंने अनाज को रखने के लिये अन्नागार भी बनाए थे।
- वे मिट्टी के बर्तनों पर भारतीय कुबड़दार बैलों जैसे पशुओं के चित्र बनाते थे।
- वे चाक पर बने मिट्टी के पात्रों का भी प्रयोग करते थे।
- यहाँ पर हड़प्पा की सभ्यता शुरू होने से पहले ही बस्तियों की क़िलेबन्दी शुरू कर दी गई थी।
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