दुर्योधन: Difference between revisions
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*दुर्योधन गदा युद्ध में पारंगत था और श्री [[कृष्ण]] के बड़े भाई [[बलराम]] का शिष्य था। दुर्योधन ने [[कर्ण]] को अपना मित्र बनाकर उसे [[अंग]] देश का राजा नियुक्त कर दिया था । | *दुर्योधन गदा युद्ध में पारंगत था और श्री [[कृष्ण]] के बड़े भाई [[बलराम]] का शिष्य था। दुर्योधन ने [[कर्ण]] को अपना मित्र बनाकर उसे [[अंग]] देश का राजा नियुक्त कर दिया था । | ||
*[[द्रौपदी]] ने दुर्योधन का अपमान "अन्धे का पुत्र अन्धा" कहकर किया था। दुर्योधन ने द्यूत क्रीड़ा (जुआ) में [[युधिष्ठर]] द्वारा दाव पर लगाई गयी [[पाण्डव|पाण्डवों]] की पत्नी दौपदी को भरी सभा में अपमानित किया। जो अपमान [[महाभारत]] युद्ध का कारण बना। युद्ध के समय गांधारी ने अपने आँखों की पट्टी खोलकर दुर्योधन के शरीर को वज्र का करना चाहा। किन्तु कृष्ण की योजना और बहकाने के कारण दुर्योधन गांधारी के समक्ष पूर्णत: नि:वस्त्र नहीं जा पाया और उसका जंघा क्षेत्र वज्र का नहीं हो पाया। यह | *[[द्रौपदी]] ने दुर्योधन का अपमान "अन्धे का पुत्र अन्धा" कहकर किया था। दुर्योधन ने द्यूत क्रीड़ा (जुआ) में [[युधिष्ठर]] द्वारा दाव पर लगाई गयी [[पाण्डव|पाण्डवों]] की पत्नी दौपदी को भरी सभा में अपमानित किया। जो अपमान [[महाभारत]] युद्ध का कारण बना। युद्ध के समय गांधारी ने अपने आँखों की पट्टी खोलकर दुर्योधन के शरीर को वज्र का करना चाहा। किन्तु कृष्ण की योजना और बहकाने के कारण दुर्योधन गांधारी के समक्ष पूर्णत: नि:वस्त्र नहीं जा पाया और उसका जंघा क्षेत्र वज्र का नहीं हो पाया। यह कमज़ोरी उसके [[भीम]] से हुए गदा युद्ध में उसकी मृत्यु का कारण बनी। | ||
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- धृतराष्ट्र-गांधारी के सौ पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र दुर्योधन था।
- पाण्डु की पत्नी कुन्ती के पहले मां बनने से गांधारी को यह दु:ख हुआ कि उसका पुत्र राज्य का अधिकारी नहीं होगा तो उसने अपने गर्भ पर प्रहार करके उसे नष्ट करने की चेष्टा की। व्यास ने गर्भ को सौ भागों में बाँट कर घड़ों में रख दिया। जिससे सौ कौरव पैदा हुए।
- दुर्योधन गदा युद्ध में पारंगत था और श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का शिष्य था। दुर्योधन ने कर्ण को अपना मित्र बनाकर उसे अंग देश का राजा नियुक्त कर दिया था ।
- द्रौपदी ने दुर्योधन का अपमान "अन्धे का पुत्र अन्धा" कहकर किया था। दुर्योधन ने द्यूत क्रीड़ा (जुआ) में युधिष्ठर द्वारा दाव पर लगाई गयी पाण्डवों की पत्नी दौपदी को भरी सभा में अपमानित किया। जो अपमान महाभारत युद्ध का कारण बना। युद्ध के समय गांधारी ने अपने आँखों की पट्टी खोलकर दुर्योधन के शरीर को वज्र का करना चाहा। किन्तु कृष्ण की योजना और बहकाने के कारण दुर्योधन गांधारी के समक्ष पूर्णत: नि:वस्त्र नहीं जा पाया और उसका जंघा क्षेत्र वज्र का नहीं हो पाया। यह कमज़ोरी उसके भीम से हुए गदा युद्ध में उसकी मृत्यु का कारण बनी।