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ल्हासा [[तिब्बत]] की राजधानी है।
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'''ल्हासा''' [[चीन]] के [[तिब्बत]] स्वायत प्रदेश की राजधानी है। उसका कुल क्षेत्रफल 29052 वर्ग किलोमीटर है।
==मौसम और जलावायु==
'ल्हासा' उत्तर शिमालाया पर्वत में मौजूदगी की वजह से साल भर में मौसम अधिकतर साफ रहता है, [[वर्षा]] कम होती है, सर्दियों में काफी सर्दी नहीं है और गर्मियों में बहुत गर्मी भी नहीं है। औसत सालाना तापमान शून्य के ऊपर 7.4 डिग्री है, साल के [[जुलाई]], [[अगस्त]] व [[सितम्बर]] में वर्षा ज्यादा होती है। सालाना औसत वर्षा मात्रा करीब 500 सेंटीमीटर है। साल में तीन हजार से अधिक घंटों में धूप उपलब्ध है, इसलिये वह “सूर्य किरण शहर ”के नाम से जाना जाता है। लाह्सा शहर का पर्यावरण स्वच्छ है और मौसम सुहावना है, दिन में गर्म व रात में ठंड होने से गर्मी से बचने वाली सब से अच्छी जगह है।   
लाह्सा “विश्व छत ”कहलाने वाले छिंग हाई तिब्बत पठार पर स्थित है। औसत समुद्र सतह से 3600 मीटर से ऊपर होने की वजह से नीची हवा दबाव से वहां के वातावरण में [[ऑक्सीजन]] की मात्रा भीतरी क्षेत्रों से लगभग 25 प्रतिशत -30 प्रतिशत की कमी है। इसलिये इस पठार पर आने वाले किसी भी व्यक्ति को शुरू में भिन्न हद तक सिर दर्द व सांस लेने में कठिन और अन्य शिकायत होती है। लाह्सा पहुंचने के पहले दिन आराम विश्राम करने के बाद शिकायतें कम या लुप्त हो सकती हैं। साल के [[अप्रैल]] से अक्तूबर तक तिब्बत का सब से बेहतरीन पर्यटन मौसम है। तिब्बती भाषा में लाह्सा का मतलब देव देवताओं की रहने की जगह है।
==संस्कृति==
लाह्सा शहर का इतिहास पुराना है और वहां धार्मिक व सांस्कृतिक वातावरण से परिपूर्ण है। शहरी इलाके में बड़ा मठ, पाखो सड़क और पोताला महल और अन्य रमणीक स्थल देखने को मिलते हैं।
ल्हासा [[हिमालय]] के उतर, तिब्बत पठारीय के मध्य में स्थित है। उस की समुद्र की सतह 3650 मीटर है, विश्व में सबसे ऊँचा शहर है। तिब्बती [[बौद्ध धर्म]] के अनुयायियों के दिल में ल्हासा पवित्र शहर है। ल्हासा तिब्बती जाति संस्कृति का केंद्र है। दिब्बती जाति के लागों के अलावा ल्हासा में हान जाति, मंगोलिया जाति और ह्वी जाति के लोग भी रहते हैं। [[भारत]] और [[नेपाल]] की संस्कृति यहां मौजूद भी है।


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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==

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[[चित्र:Tibet- Lhasa -Potala-Palace.jpg|पोटाला महल, ल्हासा (तिब्बत)
Potala Palace Lhasa, Tibet|thumb|200px]] ल्हासा चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश की राजधानी है। उसका कुल क्षेत्रफल 29052 वर्ग किलोमीटर है।

मौसम और जलावायु

'ल्हासा' उत्तर शिमालाया पर्वत में मौजूदगी की वजह से साल भर में मौसम अधिकतर साफ रहता है, वर्षा कम होती है, सर्दियों में काफी सर्दी नहीं है और गर्मियों में बहुत गर्मी भी नहीं है। औसत सालाना तापमान शून्य के ऊपर 7.4 डिग्री है, साल के जुलाई, अगस्तसितम्बर में वर्षा ज्यादा होती है। सालाना औसत वर्षा मात्रा करीब 500 सेंटीमीटर है। साल में तीन हजार से अधिक घंटों में धूप उपलब्ध है, इसलिये वह “सूर्य किरण शहर ”के नाम से जाना जाता है। लाह्सा शहर का पर्यावरण स्वच्छ है और मौसम सुहावना है, दिन में गर्म व रात में ठंड होने से गर्मी से बचने वाली सब से अच्छी जगह है।    लाह्सा “विश्व छत ”कहलाने वाले छिंग हाई तिब्बत पठार पर स्थित है। औसत समुद्र सतह से 3600 मीटर से ऊपर होने की वजह से नीची हवा दबाव से वहां के वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भीतरी क्षेत्रों से लगभग 25 प्रतिशत -30 प्रतिशत की कमी है। इसलिये इस पठार पर आने वाले किसी भी व्यक्ति को शुरू में भिन्न हद तक सिर दर्द व सांस लेने में कठिन और अन्य शिकायत होती है। लाह्सा पहुंचने के पहले दिन आराम विश्राम करने के बाद शिकायतें कम या लुप्त हो सकती हैं। साल के अप्रैल से अक्तूबर तक तिब्बत का सब से बेहतरीन पर्यटन मौसम है। तिब्बती भाषा में लाह्सा का मतलब देव देवताओं की रहने की जगह है।

संस्कृति

लाह्सा शहर का इतिहास पुराना है और वहां धार्मिक व सांस्कृतिक वातावरण से परिपूर्ण है। शहरी इलाके में बड़ा मठ, पाखो सड़क और पोताला महल और अन्य रमणीक स्थल देखने को मिलते हैं। ल्हासा हिमालय के उतर, तिब्बत पठारीय के मध्य में स्थित है। उस की समुद्र की सतह 3650 मीटर है, विश्व में सबसे ऊँचा शहर है। तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायियों के दिल में ल्हासा पवित्र शहर है। ल्हासा तिब्बती जाति संस्कृति का केंद्र है। दिब्बती जाति के लागों के अलावा ल्हासा में हान जाति, मंगोलिया जाति और ह्वी जाति के लोग भी रहते हैं। भारत और नेपाल की संस्कृति यहां मौजूद भी है।



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