कुंती जनपद: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''कुंती जनपद''' का उल्लेख पाण्डव सहदेव के दक्ष...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 17: | Line 17: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{महाभारत}} | |||
[[Category:महाभारत]][[Category: | [[Category:महाभारत]][[Category:पौराणिक स्थान]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 13:21, 18 March 2014
कुंती जनपद का उल्लेख पाण्डव सहदेव के दक्षिण की दिग्विजय के प्रसंग में हुआ है। यह जनपद प्राचीन 'अवंति जनपद' के निकट ही स्थित था। माना जाता है कि पाण्डवों की माता कुंती के पिता इसी जनपद के शासक थे।[1]
- सहदेव के दक्षिण दिग्विजय के प्रसंग में कुंती जनपद का उल्लेख हुआ है।
- तदनुसार यमुना और चंबल के काँठे में इसकी अवस्थिति जान पड़ती है।
- कुंती जनपद की गणना पाँच बड़े जनपदों में होती थी।
- पाणिनि ने कुंति सुराष्ट्र युग्म नाम का उल्लेख किया है। प्रत्यक्षत: ये दोनों जनपद एक दूसरे से दूर थे। पाणिनि ने इस युग्म का उल्लेख राजनीतिक आधार पर किया है।
- कुंति नरेश दंतवक्र को मारकर 'सुराष्ट्र' (द्वारका) नरेश कृष्ण ने इसे अपने राज्य के अधीन कर लिया था।
- पांडव माता कुंती के पिता इसी जनपद के शासक थे।
- समझा जाता है कि ग्वालियर ज़िले के अंतर्गत स्थित 'कोतवार' नामक स्थान ही प्राचीन कुंती है।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कुंती जनपद (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 मार्च, 2014।