कुस्तुंतुनिया: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " महान " to " महान् ") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "पृथक " to "पृथक् ") |
||
Line 11: | Line 11: | ||
#स्कूतारी | #स्कूतारी | ||
इसमें से प्रथम दो यूरोपीय भाग में स्थित हैं, जिन्हें बासफोरस की 500 गज चौड़ी गोल्डेन हॉर्न नामक सँकरी शाखा | इसमें से प्रथम दो यूरोपीय भाग में स्थित हैं, जिन्हें बासफोरस की 500 गज चौड़ी गोल्डेन हॉर्न नामक सँकरी शाखा पृथक् करती है। | ||
==उद्योग== | ==उद्योग== | ||
स्कूतारी तुर्की के एशियाई भाग पर बासफोरस के पूर्वी तट पर स्थित है। यहाँ के उद्योगों में चमड़ा, शस्त्र, इत्र और [[सोना]]-[[चाँदी]] का काम महत्वपूर्ण है। समुद्री व्यापार की दृष्टि से यह अत्युत्तम बंदरगाह माना जाता है। गोल्डेन हॉर्न की गहराई बड़े जहाजों के आवागमन के लिए भी उपयुक्त है और यह आँधी, तूफान इत्यादि से पूर्णतया सुरक्षित है। आयात की जाने वाली वस्तुएँ [[मक्का]], [[लोहा]], लकड़ी, [[सूती वस्त्र उद्योग|सूती]], ऊनी और रेशमी कपड़े, घड़ियाँ, [[कहवा]], चीनी, [[मिर्च]], [[मसाला|मसाले]] इत्यादि हैं; और निर्यात की वस्तुओं में रेशम का सामान, दरियाँ, चमड़ा, ऊन आदि मुख्य हैं। | स्कूतारी तुर्की के एशियाई भाग पर बासफोरस के पूर्वी तट पर स्थित है। यहाँ के उद्योगों में चमड़ा, शस्त्र, इत्र और [[सोना]]-[[चाँदी]] का काम महत्वपूर्ण है। समुद्री व्यापार की दृष्टि से यह अत्युत्तम बंदरगाह माना जाता है। गोल्डेन हॉर्न की गहराई बड़े जहाजों के आवागमन के लिए भी उपयुक्त है और यह आँधी, तूफान इत्यादि से पूर्णतया सुरक्षित है। आयात की जाने वाली वस्तुएँ [[मक्का]], [[लोहा]], लकड़ी, [[सूती वस्त्र उद्योग|सूती]], ऊनी और रेशमी कपड़े, घड़ियाँ, [[कहवा]], चीनी, [[मिर्च]], [[मसाला|मसाले]] इत्यादि हैं; और निर्यात की वस्तुओं में रेशम का सामान, दरियाँ, चमड़ा, ऊन आदि मुख्य हैं। |
Revision as of 13:28, 1 August 2017
कुस्तुंतुनिया तुर्की का एक प्रसिद्ध नगर है। यह बासफोरस जलसंधि और मारमरा सागर के संगम पर स्थित है। यह नगर भी रोम के समान ही सात पहाड़ियों के बीच एक त्रिभुजाकार पहाड़ी प्रायद्वीप पर स्थित है। अब कुस्तुंतुनिया प्रशासन की दृष्टि से तीन भागों में विभक्त हो गया है- 'इस्तांबुल', 'पेरा-गलाटा' और 'स्कूतारी'।
स्थापना
कुस्तुंतुनिया की स्थापना रोमन सम्राट कांस्टैंटाइन महान् ने 328 ई. में प्राचीन नगर बाईज़ैंटियम को विस्तृत रूप देकर की थी। नवीम रोमन साम्राज्य की राजधानी के रूप में इसका आरंभ 11 मई, 330 ई. को हुआ था। यह नगर भी रोम के समान ही सात पहाड़ियों के बीच एक त्रिभुजाकार पहाड़ी प्रायद्वीप पर स्थित है और पश्चिमी भाग को छोड़कर लगभग सब ओर जल से घिरा है।[1]
स्थिति
रूम सागर और काला सागर के मध्य स्थित बृहत जलमार्ग पर होने के कारण इस नगर की स्थिति बड़ी महत्वपूर्ण रही है। प्रकृति ने दुर्ग का रूप देकर इसे व्यापारिक, राजनीतिक और युद्धकालिक दृष्टिकोण से एक महान् साम्राज्य की सुदृढ़ और शक्तिशाली राजधानी के अनुरूप बनने में पूर्ण योग दिया था और निरंतर सोलह शताब्दियों तक एक महान् साम्राज्य की राजधानी के रूप में इसकी ख्याति बनी हुई थी।
विभाजन
अब कुस्तुंतुनिया प्रशासन की दृष्टि से तीन भागों में विभक्त हो गया है-
- इस्तांबुल
- पेरा-गलाटा
- स्कूतारी
इसमें से प्रथम दो यूरोपीय भाग में स्थित हैं, जिन्हें बासफोरस की 500 गज चौड़ी गोल्डेन हॉर्न नामक सँकरी शाखा पृथक् करती है।
उद्योग
स्कूतारी तुर्की के एशियाई भाग पर बासफोरस के पूर्वी तट पर स्थित है। यहाँ के उद्योगों में चमड़ा, शस्त्र, इत्र और सोना-चाँदी का काम महत्वपूर्ण है। समुद्री व्यापार की दृष्टि से यह अत्युत्तम बंदरगाह माना जाता है। गोल्डेन हॉर्न की गहराई बड़े जहाजों के आवागमन के लिए भी उपयुक्त है और यह आँधी, तूफान इत्यादि से पूर्णतया सुरक्षित है। आयात की जाने वाली वस्तुएँ मक्का, लोहा, लकड़ी, सूती, ऊनी और रेशमी कपड़े, घड़ियाँ, कहवा, चीनी, मिर्च, मसाले इत्यादि हैं; और निर्यात की वस्तुओं में रेशम का सामान, दरियाँ, चमड़ा, ऊन आदि मुख्य हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कुस्तुंतुनिया (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2014।