बल्लव: Difference between revisions
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*[[भीम (पांडव)|भीम]] ने अपना नाम बल्लव बताया और रसोइये का कार्य किया। | *[[भीम (पांडव)|भीम]] ने अपना नाम '''बल्लव''' बताया और रसोइये का कार्य किया। | ||
*बल्लव का अर्थ है सूपकर्त्ता अर्थात् रसोइया। रसोई के काम में निपुण होने से उनका यह नाम यथार्थ ही है। | *बल्लव का अर्थ है सूपकर्त्ता अर्थात् रसोइया। रसोई के काम में निपुण होने से उनका यह नाम यथार्थ ही है। | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
Revision as of 11:03, 9 November 2013
- महाभारत में पांडवों के वनवास में एक वर्ष का अज्ञातवास भी था जो उन्होंने विराट नगर में बिताया। विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान छुपाकर रहे। इन्होंने राजा विराट के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष बिताया।
- भीम ने अपना नाम बल्लव बताया और रसोइये का कार्य किया।
- बल्लव का अर्थ है सूपकर्त्ता अर्थात् रसोइया। रसोई के काम में निपुण होने से उनका यह नाम यथार्थ ही है।