गीता 13:12: Difference between revisions
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इस प्रकार ज्ञान के साधनों का 'ज्ञान' के नाम से वर्णन सुनने पर यह जिज्ञासा हो सकती है कि इन साधनों द्वारा प्राप्त 'ज्ञान' से जानने योग्य वस्तु क्या है और उसे जान लेने से क्या होता है ? उसका उत्तर देने के लिये भगवन् अब जानने के योग्य वस्तु के स्वरूप का वर्णन करने की प्रतिज्ञा करते हुए उसके जानने का फल ' | इस प्रकार ज्ञान के साधनों का 'ज्ञान' के नाम से वर्णन सुनने पर यह जिज्ञासा हो सकती है कि इन साधनों द्वारा प्राप्त 'ज्ञान' से जानने योग्य वस्तु क्या है और उसे जान लेने से क्या होता है ? उसका उत्तर देने के लिये भगवन् अब जानने के योग्य वस्तु के स्वरूप का वर्णन करने की प्रतिज्ञा करते हुए उसके जानने का फल 'अमृतत्त्व की प्राप्ति' बतलाकर छ: श्लोकों में जानने के योग्य परमात्मा के स्वरूप का वर्णन करते हैं – | ||
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Revision as of 06:58, 17 January 2011
गीता अध्याय-13 श्लोक-12 / Gita Chapter-13 Verse-12
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