गीता 13:13: Difference between revisions
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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इस प्रकार | इस प्रकार ज्ञेयतत्त्व के वर्णन की प्रतिज्ञा करके उस तत्त्व का संक्षेप में वर्णन किया गया; परन्तु वह ज्ञेय तत्त्व बड़ा गहन है । अत: साधकों को उसका ज्ञान कराने के लिये सर्वव्यापकत्वादि लक्षणों के द्वारा उसी का पुन: विस्तारपूर्वक वर्णन करते हैं- | ||
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Revision as of 06:58, 17 January 2011
गीता अध्याय-13 श्लोक-13 / Gita Chapter-13 Verse-13
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