गीता 1:19: Difference between revisions
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कौरव</balloon> वीरों के व्यथित होने का वर्णन करके, अब चार श्लोकों में भगवान् <balloon link="कृष्ण" title="गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। | कौरव</balloon> वीरों के व्यथित होने का वर्णन करके, अब चार श्लोकों में भगवान् <balloon link="कृष्ण" title="गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। | ||
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श्रीकृष्ण</balloon> के प्रति कहे हुए <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर | श्रीकृष्ण</balloon> के प्रति कहे हुए <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने वाला वो ही था। | ||
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अर्जुन</balloon> के उत्साहपूर्ण वचनों का वर्णन किया जाता है- | अर्जुन</balloon> के उत्साहपूर्ण वचनों का वर्णन किया जाता है- |
Revision as of 07:49, 20 February 2011
गीता अध्याय-1 श्लोक-19 / Gita Chapter-1 Verse-19
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