आश्रमवासिक पर्व महाभारत: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "गंगा" to "गंगा")
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''आश्रमवासिक पर्व / Aashramvasik Parv'''<br />


==आश्रमवासिक पर्व / Aashramvasik Parv==
आश्रमवासिक पर्व में भी 3 उपपर्व हैं-
आश्रमवासिक पर्व में भी 3 उपपर्व हैं-
*आश्रमवास पर्व,
*आश्रमवास पर्व,

Revision as of 10:42, 29 April 2010

आश्रमवासिक पर्व / Aashramvasik Parv

आश्रमवासिक पर्व में भी 3 उपपर्व हैं-

  • आश्रमवास पर्व,
  • पुत्रदर्शन पर्व,
  • नारदागमन पर्व।

इस पर्व में कुल मिलाकर 39 अध्याय हैं। आश्रमवासिक पर्व में भाइयों समेत युधिष्ठिर और कुन्ती द्वारा धृतराष्ट्र तथा गान्धारी की सेवा, व्यास जी के समझाने पर धृतराष्ट्र,गान्धारी और कुन्ती को वन में जाने देना, वहाँ जाकर इन तीनों का ॠषियों के आश्रम में निवास करना, महर्षि व्यास के प्रभाव से युद्ध में मारे गये वीरों का परलोक से आना और स्वजनों से मिलकर अदृश्य हो जाना, नारद के मुख से धृतराष्ट्र, गान्धारी और कुन्ती का दावानल में जलकर भस्म हो जाना सुनकर युधिष्ठिर का विलाप और उनकी अस्थियों का गंगा में विसर्जन करके श्राद्धकर्म करना आदि वर्णित है।

अन्य लिंक