गीता 7:8: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{गीता2}}" to "{{प्रचार}} {{गीता2}}") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "रूष" to "रुष") |
||
Line 10: | Line 10: | ||
<div align="center"> | <div align="center"> | ||
'''रसोऽहमप्सु कौन्तेय प्रभास्मि शशिसूर्ययो: ।'''<br/> | '''रसोऽहमप्सु कौन्तेय प्रभास्मि शशिसूर्ययो: ।'''<br/> | ||
'''प्रणव: सर्ववेदेषु शब्द: खे | '''प्रणव: सर्ववेदेषु शब्द: खे पौरुषं नृषु ।।8।।''' | ||
</div> | </div> | ||
---- | ---- | ||
Line 34: | Line 34: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
कौन्तेय = हे अर्जुन; अप्सु = जल में; अहम् = मैं; रस: = रस हूं (तथा); शशिसूर्ययो: = चन्द्रामा और सूर्य में; प्रभा = प्रकाश; अस्मि = हूं(और); सर्ववेदेषु =संपूर्ण वेदों में; प्रणव: = ओंकार हूं (तथा); खे=आकाश में; शब्द: = शब्द; नृषु = | कौन्तेय = हे अर्जुन; अप्सु = जल में; अहम् = मैं; रस: = रस हूं (तथा); शशिसूर्ययो: = चन्द्रामा और सूर्य में; प्रभा = प्रकाश; अस्मि = हूं(और); सर्ववेदेषु =संपूर्ण वेदों में; प्रणव: = ओंकार हूं (तथा); खे=आकाश में; शब्द: = शब्द; नृषु = पूरुषों में;पौरुषम् = पुरुषत्व हूं | ||
|- | |- | ||
|} | |} |
Revision as of 08:02, 20 July 2011
गीता अध्याय-7 श्लोक-8 / Gita Chapter-7 Verse-8
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||