मैं वासुदेव[1] ही सम्पूर्ण जगत् की उत्पत्ति का कारण हूँ और मुझसे ही सब जगत् चेष्टा करता है- इस प्रकार समझकर श्रद्धा और भक्ति से युक्त बुद्धिमान् भक्तजन मुझ परमेश्वर को ही निरन्तर भजते हैं ।।8।।
I am the source of all creation and everything in the world moves because of Me; knowing thus the wise, full of devotion, constantly worship Me. (8)
अहम् = मैं वासुदेव ही; सर्वस्य = संपूर्ण जगत् की; प्रभव: उत्पत्ति का कारण हूं(और); मत्त: = मेरेसे ही; सर्वम् = सब जगत् ; प्रवर्तते = चेष्टा करता है; इति = इस प्रकार; मत्वा = तत्त्व से समझकर; भावसमन्विता: = श्रद्धा और भक्ति से युक्त हुए; बुधा: = बुद्धिमान् भक्तजन; माम् = मुझ परमेश्वरको; भजन्ते = निरन्तर भजते हैं