↑धृतराष्ट्र-गांधारी के सौ पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र दुर्योधन था। दुर्योधन गदा युद्ध में पारंगत था और श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का शिष्य था।
↑द्रोणाचार्य कौरव और पांडवों के गुरु थे। कौरवों और पांडवों ने द्रोणाचार्य के आश्रम में ही अस्त्रों और शस्त्रों की शिक्षा पायी थी। अर्जुन द्रोणाचार्य के प्रिय शिष्य थे।
↑भीष्म महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। ये महाराजा शांतनु के पुत्र थे। अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था। इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था।
↑कर्ण कुन्ती व सूर्य देव के पुत्र थे। वे एक अत्यन्त पराक्रमी तथा दानशील पुरुष थे।
↑कृपाचार्य गौतम के प्रसिद्ध पुत्र थे। महाभारत युद्ध में वे दुर्योधन के पक्ष में युद्ध लड़ रहे थे।
↑अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र थे। द्रोणाचार्य ने भगवान शिव को अपनी तपस्या से प्रसन्न करके उन्हीं के अंश से अश्वत्थामा नामक पुत्र को प्राप्त किया था।
↑भूरिश्रवा सोमदत्त का पुत्र था। महाभारत युद्ध में उसकी सात्यकि के साथ अनेक बार मुठभेड़ हुई थीं।