खुरासान

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खुरासान मूल रूप से ईरान के पूर्व में आमूदरिया के दक्षिण और हिन्दुकुश के उत्तर में स्थित विस्तृत भू-भाग का नाम था। अरब भौगोलिकों के अनुसार खुरासान के पूर्व में सीस्तान और भारत, पश्चिम में घुज्ज़ (जुर्जन) का रेगिस्तान, उत्तर में वक्षु प्रदेश और दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम में ईरान का रेगिस्तान था। लेकिन अब खुरासान का प्रयोग अत्यंत सीमित अर्थ में होता है।

क्षेत्रफल

खुरासान ईरान के उस उत्तर-पूर्वी प्रांत का नाम है, जो उत्तर में रूसी कास्पियन प्रदेश से सटा हुआ है। अत्रक नदी चाट तक इसकी भौगोलिक सीमा का निर्धारित करती है। इसके पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम में अस्त्राबाद, शाहरुद, सेमनान, दमधान और यज्द के ईरानी प्रांत और दक्षिण में केरमान है। इस प्रकार इसका क्षेत्रफल 25,000 वर्गमील है। खुरासान का अधिकांश धरातलीय भाग पहाड़ी, मरुस्थलीय या नमकीन झील का निचला गर्त है। दक्षिण में पहाड़ी भाग की ऊँचाई 11,000 से लेकर 13,000 तक है।[1]

कृषि तथा खनिज

खुरासान में कुओं तथा बीच-बीच में लुप्त हो जाने वाली नदियों द्वारा सिंचित बहुत से नखलिस्तान पाए जाते हैं। आतरेक और कशाफ की उपजाऊ घाटियों में खाद्यान्न, कपास, तंबाकू, चुकन्दर तथा फलों की खेती होती है। यह प्रांत केसर, पिस्ता, गोंद, काष्ठफल, कंबल, खाल और नीलमणि आदि के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर लोहा, सीसा, नमक, सोना, ताँबा और स्फटिक भी पाया जाता है।

निर्यात की वस्तुएँ

'मेशेद' खुरासान प्रांत की राजधानी है। यह सड़क द्वारा अन्य प्रमुख नगरों से जुड़ी है। मूल्य की दृष्टि से निर्यात की वस्तुएँ क्रमश: कालीन, चमड़ा तथा खाल, अफीम, इमारती लकड़ी, कपास की चीजें, सिल्क और नीलमणि हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 खुरासान (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 सितम्बर, 2012।

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