न च तस्मान्नुष्येषु कश्चिन्मे प्रियकृत्तम: । भविता न च मे तस्मादन्य: प्रियतरो भुवि ।।69।।
उससे बढ़कर मेरा प्रिय कार्य करने वाला मनुष्यों में कोई भी नहीं हैं; तथा पृथ्वी भर में उससे बढ़कर मेरा प्रिय दूसरा कोई भविष्य में होगा भी नहीं ।।69।।
Among men there is none who does Me a more loving service than he; nor shall anyone be dearer to Me on the entire globe than he. (69)
च = और ; तस्मात् = उससे बढकर ; मे = मेरा ; प्रियकृत्तम: = अतिशय प्रिय कार्य करने वाला ; मनुष्येषु = मनुष्यों में ; कश्र्चित् = कोई ; अस्ति = है ; न = न (तो) ; च = और ; न = न ; तस्मात् = उससे बढकर ; मे = मेरा ; प्रियतर: = अत्यन्त प्यारा ; भुवि = पृथिवी में ; अन्य: = दूसरा (कोई) ; भविता = होवेगा