Difference between revisions of "कुन्ती"

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*ये [[वसुदेव]]जी की बहन थीं और भगवान श्री[[कृष्ण]] की बुआ।  
 
*ये [[वसुदेव]]जी की बहन थीं और भगवान श्री[[कृष्ण]] की बुआ।  
 
*महाराज कुन्तिभोज से इनके पिता की मित्रता थी, उसके कोई सन्तान नहीं थी, अत: ये कुन्तिभोज के यहाँ गोद आयीं और उन्हीं की पुत्री होने के कारण इनका नाम कुन्ती पड़ा।  
 
*महाराज कुन्तिभोज से इनके पिता की मित्रता थी, उसके कोई सन्तान नहीं थी, अत: ये कुन्तिभोज के यहाँ गोद आयीं और उन्हीं की पुत्री होने के कारण इनका नाम कुन्ती पड़ा।  
*महाराज पाण्डु के साथ कुन्ती का विवाह हुआ, वे राजपाट छोड़कर वन चले गये। वन में ही कुन्ती को [[धर्म]], [[इन्द्र]], पवन के अंश से [[युधिष्ठर]], [[अर्जुन]], [[भीम]] आदि पुत्रों की उत्पत्ति हुई और इनकी सौत [[माद्री]] को अश्वनीकुमारों के अंश से [[नकुल]], [[सहदेव]] का जन्म हुआ। महाराज [[पांडु|पाण्डु]] का शरीरान्त होने पर माद्री तो उनके साथ सती हो गयी और ये बच्चों की रक्षा के लिये जीवित रह गयीं ।
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*महाराज पाण्डु के साथ कुन्ती का विवाह हुआ, वे राजपाट छोड़कर वन चले गये। वन में ही कुन्ती को [[धर्म]], [[इन्द्र]], पवन के अंश से [[युधिष्ठर]], [[अर्जुन]], [[भीम (पांडव)|भीम]] आदि पुत्रों की उत्पत्ति हुई और इनकी सौत [[माद्री]] को अश्वनीकुमारों के अंश से [[नकुल]], [[सहदेव]] का जन्म हुआ। महाराज [[पांडु|पाण्डु]] का शरीरान्त होने पर माद्री तो उनके साथ सती हो गयी और ये बच्चों की रक्षा के लिये जीवित रह गयीं ।
 
*इन्होंने पाँचों पुत्रों को अपनी ही कोख से उत्पन्न हुआ माना, कभी स्वप्न में भी उनमें भेदभाव नहीं किया।
 
*इन्होंने पाँचों पुत्रों को अपनी ही कोख से उत्पन्न हुआ माना, कभी स्वप्न में भी उनमें भेदभाव नहीं किया।
 
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Revision as of 07:06, 2 September 2010

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  • hamare shastroan mean paanch deviyaan nity kanyaean mani gayi haian. unamean maharani kunti bhi haian.
  • ye vasudevji ki bahan thian aur bhagavan shrikrishna ki bua.
  • maharaj kuntibhoj se inake pita ki mitrata thi, usake koee santan nahian thi, at: ye kuntibhoj ke yahaan god ayian aur unhian ki putri hone ke karan inaka nam kunti p da.
  • maharaj pandu ke sath kunti ka vivah hua, ve rajapat chho dakar van chale gaye. van mean hi kunti ko dharm, indr, pavan ke aansh se yudhishthar, arjun, bhim adi putroan ki utpatti huee aur inaki saut madri ko ashvanikumaroan ke aansh se nakul, sahadev ka janm hua. maharaj pandu ka sharirant hone par madri to unake sath sati ho gayi aur ye bachchoan ki raksha ke liye jivit rah gayian .
  • inhoanne paanchoan putroan ko apani hi kokh se utpann hua mana, kabhi svapn mean bhi unamean bhedabhav nahian kiya.


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