जंबूकोल: Difference between revisions
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*लंका नरेश देवानांप्रिय [[तिष्य]] ने भारत के सम्राट [[अशोक]] के पास अपने भागिनेय 'महारिष्ठ', 'पुरोहित', 'मंत्री' और 'गणक' इन चार जनों को दूत बनाकर बहुमूल्य [[रत्न]], तीन जाति की मणियाँ, आठ जाति के [[मोती]] तथा अन्य वस्तुओं के साथ भेजा था। | *लंका नरेश देवानांप्रिय [[तिष्य]] ने भारत के सम्राट [[अशोक]] के पास अपने भागिनेय 'महारिष्ठ', 'पुरोहित', 'मंत्री' और 'गणक' इन चार जनों को दूत बनाकर बहुमूल्य [[रत्न]], तीन जाति की मणियाँ, आठ जाति के [[मोती]] तथा अन्य वस्तुओं के साथ भेजा था। | ||
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Latest revision as of 14:05, 8 September 2012
जंबूकोल भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में स्थित बताया गया है। इसका उल्लेख बौद्ध ग्रंथ महावंश[1] में हुआ है। जंबूकोल, लंका के उत्तरी समुद्र तट पर 'संबलतुरि' नामक बंदरगाह है।[2]
- लंका नरेश देवानांप्रिय तिष्य ने भारत के सम्राट अशोक के पास अपने भागिनेय 'महारिष्ठ', 'पुरोहित', 'मंत्री' और 'गणक' इन चार जनों को दूत बनाकर बहुमूल्य रत्न, तीन जाति की मणियाँ, आठ जाति के मोती तथा अन्य वस्तुओं के साथ भेजा था।
- ये लोग जंबूकोल से नाव पर चड़कर सात दिन में ताम्रलिप्ति पहुँचे थे और वहाँ से एक सप्ताह में पाटलिपुत्र।
- महावंश[3] के अनुसार बोधिद्रुम की एक शाखा का अंकुर, जिसे अशोक की पुत्री संघमित्रा लंका ले गईं थी, जंबूकोल में आरोपित किया गया था।
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