अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - " महान " to " महान् ")
 
Line 24: Line 24:
|पाठ 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=[[नृत्य कला]], [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]], [[कथकली नृत्य|कथकली]], [[कथक नृत्य|कथक]], [[ओडिसी नृत्य|ओडिसी]], [[मोहिनीअट्टम]],  [[कुची पुडी नृत्य|कुची पुडी]]
|संबंधित लेख=[[नृत्य कला]], [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]], [[कथकली नृत्य|कथकली]], [[कथक नृत्य|कथक]], [[ओडिसी नृत्य|ओडिसी]], [[मोहिनीअट्टम]],  [[कुची पुडी नृत्य|कुची पुडी]]
|अन्य जानकारी=एक महान रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
|अन्य जानकारी=एक महान् रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
|बाहरी कड़ियाँ=[http://www.international-dance-day.org/en/ आधिकारिक वेबसाइट]
|बाहरी कड़ियाँ=[http://www.international-dance-day.org/en/ आधिकारिक वेबसाइट]
|अद्यतन={{अद्यतन|18:58, 3 अप्रॅल 2015 (IST)}}
|अद्यतन={{अद्यतन|18:58, 3 अप्रॅल 2015 (IST)}}
}}
}}
'''अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''International Dance Day'') प्रत्येक वर्ष [[29 अप्रैल]] को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत [[29 अप्रैल]] [[1982]] से हुई। [[यूनेस्को]] की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्था की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय नाच समिति ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया। एक महान रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
'''अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''International Dance Day'') प्रत्येक वर्ष [[29 अप्रैल]] को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत [[29 अप्रैल]] [[1982]] से हुई। [[यूनेस्को]] की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्था की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय नाच समिति ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया। एक महान् रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
==उद्देश्य==
==उद्देश्य==
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस को पूरे विश्व में मनाने का उद्देश्य जनसाधारण के बीच नृत्य की महत्ता का अलख जगाना था। साथ ही लोगों का ध्यान विश्वस्तर पर इस ओर आकर्षित करना था। जिससे लोगों में [[नृत्य]] के प्रति जागरूकता फैले। साथ ही सरकार द्वारा पूरे विश्व में नृत्य को शिक्षा की सभी प्रणालियों में एक उचित जगह उपलब्ध कराना था। सन [[2005]] में नृत्य दिवस को प्राथमिक शिक्षा के रूप में केंद्रित किया गया। विद्यालयों में बच्चों द्वारा नृत्य पर कई निबंध व चित्र भी बनाए गए। [[2007]] में नृत्य को बच्चों को समर्पित किया गया।<ref name="wdh"/>[[चित्र:Kathakali-Dance.jpg|thumb|left|[[कथकली नृत्य]]]]
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस को पूरे विश्व में मनाने का उद्देश्य जनसाधारण के बीच नृत्य की महत्ता का अलख जगाना था। साथ ही लोगों का ध्यान विश्वस्तर पर इस ओर आकर्षित करना था। जिससे लोगों में [[नृत्य]] के प्रति जागरूकता फैले। साथ ही सरकार द्वारा पूरे विश्व में नृत्य को शिक्षा की सभी प्रणालियों में एक उचित जगह उपलब्ध कराना था। सन [[2005]] में नृत्य दिवस को प्राथमिक शिक्षा के रूप में केंद्रित किया गया। विद्यालयों में बच्चों द्वारा नृत्य पर कई निबंध व चित्र भी बनाए गए। [[2007]] में नृत्य को बच्चों को समर्पित किया गया।<ref name="wdh"/>[[चित्र:Kathakali-Dance.jpg|thumb|left|[[कथकली नृत्य]]]]

Latest revision as of 14:07, 30 June 2017

अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस
विवरण यूनेस्को की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्था की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय नाच समिति ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया।
तिथि 29 अप्रैल
शुरुआत 29 अप्रैल, 1982
उद्देश्य जनसाधारण के बीच नृत्य की महत्ता का अलख जगाना।
संबंधित लेख नृत्य कला, भरतनाट्यम, कथकली, कथक, ओडिसी, मोहिनीअट्टम, कुची पुडी
अन्य जानकारी एक महान् रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस (अंग्रेज़ी: International Dance Day) प्रत्येक वर्ष 29 अप्रैल को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई। यूनेस्को की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्था की सहयोगी अंतर्राष्ट्रीय नाच समिति ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया। एक महान् रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।

उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस को पूरे विश्व में मनाने का उद्देश्य जनसाधारण के बीच नृत्य की महत्ता का अलख जगाना था। साथ ही लोगों का ध्यान विश्वस्तर पर इस ओर आकर्षित करना था। जिससे लोगों में नृत्य के प्रति जागरूकता फैले। साथ ही सरकार द्वारा पूरे विश्व में नृत्य को शिक्षा की सभी प्रणालियों में एक उचित जगह उपलब्ध कराना था। सन 2005 में नृत्य दिवस को प्राथमिक शिक्षा के रूप में केंद्रित किया गया। विद्यालयों में बच्चों द्वारा नृत्य पर कई निबंध व चित्र भी बनाए गए। 2007 में नृत्य को बच्चों को समर्पित किया गया।[1][[चित्र:Kathakali-Dance.jpg|thumb|left|कथकली नृत्य]]

नृत्य की उत्पत्ति

कहा जाता है कि आज से 2000 वर्ष पूर्व त्रेतायुग में देवताओं की विनती पर ब्रह्माजी ने नृत्य वेद तैयार किया, तभी से नृत्य की उत्पत्ति संसार में मानी जाती है। इस नृत्य वेद में सामवेद, अथर्ववेद, यजुर्वेदऋग्वेद से कई चीजों को शामिल किया गया। जब नृत्य वेद की रचना पूरी हो गई, तब नृत्य करने का अभ्यास भरतमुनि के सौ पुत्रों ने किया।[1]

नृत्य एक सशक्त अभिव्यक्ति

[[चित्र:Bharatanatyam-Dance.jpg|thumb|भरतनाट्यम नृत्य ]] ईसा पूर्व 10वीं से 7वीं शताब्दी के बीच रचित चीनी कविताओं के संकलन ‘द बुक ऑफ़ सोंग्स’ के प्राक्कथन में कहा गया है-

“भावनाएं द्रवित हो बनते शब्द
जब शब्द नहीं होते अभिव्यक्त
हम आहों से कुछ कहते हैं
आहें भी अक्षम हो जायें
तब गीतों का माध्यम चुनते हैं
गीत नहीं पूरे पड़ते, तो अनायास
हमारे हाथ नृत्य करने लगते हैं
पाँव थिरकने लगते हैं”

नृत्य एक सशक्त अभिव्यक्ति है जो पृथ्वी और आकाश से संवाद करती है। हमारी खुशी हमारे भय और हमारी आकांक्षाओं को व्यक्त करती है। नृत्य अमूर्त है फिर भी जन के मन के संज्ञान और बोध को परिलक्षित करता है। मनोदशाओं को और चरित्र को दर्शाता है। संसार की बहुत सी संस्कृतियों की तरह ताइवान के मूल निवासी वृत्त में नृत्य करते हैं। उनके पूर्वजों का विश्वास था कि बुरा और अशुभ वृत्त के बाहर ही रहेगा। हाथों की श्रंखला बनाकर वो एक दूसरे के स्नेह और जोश को महसूस करते हैं, आपस में बांटते हैं और सामूहिक लय पर गतिमान होते हैं। और नृत्य समानांतर रेखाओं के उस बिंदु पर होता है जहाँ रेखाएं एक-दूसरे से मिलती हुई प्रतीत होती हैं। गति और संचालन से भाव-भंगिमाओं का सृजन और ओझल होना एक ही पल में होता रहता है। नृत्य केवल उसी क्षणिक पल में अस्तित्व में आता है। यह बहुमूल्य है। यह जीवन का लक्षण है। आधुनिक युग में, भाव-भंगिमाओं की छवियाँ लाखों रूप ले लेती हैं। वो आकर्षक होती है। परन्तु ये नृत्य का स्थान नहीं ले सकतीं क्योंकि छवियाँ सांस नहीं लेती। नृत्य जीवन का उत्सव है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस : 29 अप्रैल (हिन्दी) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 3 अप्रॅल, 2015।
  2. अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस, 29, अप्रैल, 2013 (हिन्दी) इप्टानामा। अभिगमन तिथि: 3 अप्रॅल, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख