गीता 1:20-21: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replacement - "दृष्टा " to "द्रष्टा") |
||
Line 30: | Line 30: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
महीपते = हे राजन्; अथ =उसके उपरान्त; कपिध्वज: = कपिध्वज; पाण्डव: = अर्जुन ने; व्यवस्थितान् = खड़े हुए; धार्तराष्ट्रान् = धृतराष्ट्र पुत्रों को; | महीपते = हे राजन्; अथ =उसके उपरान्त; कपिध्वज: = कपिध्वज; पाण्डव: = अर्जुन ने; व्यवस्थितान् = खड़े हुए; धार्तराष्ट्रान् = धृतराष्ट्र पुत्रों को; द्रष्टा= देखकर; तदा = उस; शस्त्रसंपाते = शस्त्र चलने की तैयारी के समय; धनु: = धनुष; उद्यम्य = उठाकर; हृषीकेशम् = हषीकेश श्रीकृष्ण महाराज से; इदम् = यह; वाक्यम् = वचन; आह = कहा; अच्युत = हे अच्युत; मे = मेरे; रथम् = रथ को; उभयौ: = दोनों; सेनयों: = सेनाओं के; मध्ये =बीचमें; स्थापय =खड़ा करिये; | ||
|- | |- | ||
|} | |} |
Latest revision as of 05:03, 4 February 2021
गीता अध्याय-1 श्लोक-20,21 / Gita Chapter-1 Verse-20,21
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख |
||||