एकचक्रा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
No edit summary
Line 6: Line 6:


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 109| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
Line 11: Line 14:
[[Category:पौराणिक स्थान]]
[[Category:पौराणिक स्थान]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 10:14, 18 May 2018

एकचक्रा नगरी को महाभारत में पंचालदेश में स्थित बताया गया है। द्रौपदी के स्वयंवर के लिए जाते समय पांडव एकचक्रा नगरी में पहुँचे थे-

'एवं स तान् समाश्वास्य व्यास: सत्यवती सुत:,
एकचक्रामभिगत: कुंतीमाश्वासयत् प्रभु:'[1]

महाभारत में दुर्योधन बड़ी खोटी बुद्धि का मनुष्य था। उसने लाक्षा के बने हुए धर में पाण्डवों को रखकर आग लगाकर, उन्हें जलाने का प्रयत्न किया, किन्तु पाँचों पाण्डव अपनी माता के साथ उस जलते हुए घर से बाहर निकल गये। वहाँ से एकचक्रा नगरी में जाकर वे मुनि के वेष में एक ब्राह्मण के घर में निवास करने लगे। फिर वहाँ बकासुर नामक एक राक्षस का वध किया। कुछ समय पश्चात् पाण्डव पांचाल राज्य में, जहाँ द्रौपदी का स्वयंवर होने वाला था, गये। वहाँ अर्जुन के बाहुबल से मत्स्यभेद होने पर पाँचों पाण्डवों ने द्रौपदी को पत्नी रूप में प्राप्त किया। पाण्डवों ने अपनी माता कुन्ती सहित एकचक्रा नगरी में कई दिन व्यतीत किए थे।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 109| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


संबंधित लेख