Difference between revisions of "गरुड़ व्यूह"

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'''गरुड़ व्यूह''' का उल्लेख पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] में हुआ है। इस [[व्यूह रचना|व्यूह]] की रचना [[द्रोणाचार्य]] ने की थी।
 
'''गरुड़ व्यूह''' का उल्लेख पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] में हुआ है। इस [[व्यूह रचना|व्यूह]] की रचना [[द्रोणाचार्य]] ने की थी।
  
*महाभारत युद्ध के समय [[कुरु वंश|कुरूकुल]] के [[भीष्म|पितामह शान्तनु कुमार भीष्म]] ने [[धृतराष्ट्र]] पुत्रों को विजय दिलाने की इच्छा से महान 'गरुड़ व्यूह' की रचना की। भीष्म उस व्यूह के अग्रभाग में चोंच के स्थान पर खड़े हुए। आचार्य द्रोण और यदुवंशी [[कृतवर्मा]] दोनों नेत्रों के स्थान पर स्थित हुए। यशस्वी वीर [[अश्वत्थामा]] और [[कृपाचार्य]] शिरोभाग में खड़े हुए। इनके साथ [[त्रिगर्त]], केकय और [[वाटधान]] भी युद्धभूमि में उपस्थित थे। [[भूरिश्रवा]], [[शल]], [[शल्य]] और [[भगदत्त]]- ये [[जयद्रथ]] के साथ ग्रीवाभाग में खडे़ किये गये। इन्हीं के साथ [[मद्र]], सिधु, सौवीर तथा पंचनद देश के योद्धा भी थे। अपने सहोदर भाइयों और अनुचरों के साथ [[दुर्योधन|राजा दुर्योधन]] पृष्टभाग में स्थित हुआ। अवन्ति देश के [[विंद|राजकुमार बिन्द]] और [[अनुविंद|अनुबिन्द]] तथा [[काम्बोज|कम्बोज]], [[शक]] एवं [[शूरसेन]] के योद्धा उस महाव्यूह के पुच्छ भाग में खड़े हुए। [[मगध महाजनपद|मगध]] और [[कलिंग|कलिंग देश]] के योद्धा दासेर के गणों के साथ कवच धारण करके व्यूह के दायें पंख के स्थान में स्थित हुए। व्यूह में कारूष, विकुंज, [[मुंड|मुण्ड]] और [[कुण्डीवृष]] आदि योद्धा [[बृहद्बल|राजा बृहद्बल]] के साथ बायें पंख के स्थान में खड़े हुए थे।<ref>{{cite web |url=http://hi.krishnakosh.org/%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4_%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AE_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5_%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF_56_%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95_1-22|title=महाभारत भीष्म पर्व|accessmonthday=19 फरवरी|accessyear=2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कृष्णकोश|language=हिन्दी}}</ref>
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*महाभारत युद्ध के समय [[कुरु वंश|कुरूकुल]] के [[भीष्म|पितामह शान्तनु कुमार भीष्म]] ने [[धृतराष्ट्र]] पुत्रों को विजय दिलाने की इच्छा से महान 'गरुड़ व्यूह' की रचना की। भीष्म उस व्यूह के अग्रभाग में चोंच के स्थान पर खड़े हुए। आचार्य द्रोण और यदुवंशी [[कृतवर्मा]] दोनों नेत्रों के स्थान पर स्थित हुए। यशस्वी वीर [[अश्वत्थामा]] और [[कृपाचार्य]] शिरोभाग में खड़े हुए। इनके साथ [[त्रिगर्त]], केकय और [[वाटधान]] भी युद्धभूमि में उपस्थित थे। [[भूरिश्रवा]], [[शल]], [[शल्य]] और [[भगदत्त]]- ये [[जयद्रथ]] के साथ ग्रीवाभाग में खडे़ किये गये। इन्हीं के साथ [[मद्र]], सिधु, सौवीर तथा पंचनद देश के योद्धा भी थे। अपने सहोदर भाइयों और अनुचरों के साथ [[दुर्योधन|राजा दुर्योधन]] पृष्टभाग में स्थित हुआ। अवन्ति देश के [[विंद|राजकुमार बिन्द]] और [[अनुविंद|अनुबिन्द]] तथा [[काम्बोज|कम्बोज]], [[शक]] एवं [[शूरसेन]] के योद्धा उस महाव्यूह के पुच्छ भाग में खड़े हुए। [[मगध महाजनपद|मगध]] और [[कलिंग|कलिंग देश]] के योद्धा दासेर के गणों के साथ कवच धारण करके व्यूह के दायें पंख के स्थान में स्थित हुए। व्यूह में कारूष, विकुंज, [[मुंड|मुण्ड]] और [[कुण्डीवृष]] आदि योद्धा [[बृहद्बल|राजा बृहद्बल]] के साथ बायें पंख के स्थान में खड़े हुए थे।
  
 
*महाभारत युद्ध में [[पांडव|पांडवों]] और [[कौरव|कौरवों]] द्वारा रचे गए व्यूह निम्न थे-
 
*महाभारत युद्ध में [[पांडव|पांडवों]] और [[कौरव|कौरवों]] द्वारा रचे गए व्यूह निम्न थे-

Revision as of 07:06, 26 February 2016

garu d vyooh ka ullekh pauranik granth mahabharat mean hua hai. is vyooh ki rachana dronachary ne ki thi.

  1. chakravyooh
  2. vajr vyooh
  3. krauanch vyooh
  4. ardhachandr vyooh
  5. mandal vyooh
  6. chakrashakat vyooh
  7. magar vyooh
  8. aurami vyooh
  9. shringataka vyooh


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

sanbandhit lekh