अमरकोट: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:15, 3 May 2018
अमरकोट वर्तमान पश्चिमी पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त का एक नगर है, जो मध्य काल में एक राज्य था। यह दिल्ली से सिंध जाने वाले मार्ग पर ज़िला थरपारकर का मुख्य स्थान है। 1542 ई. में जब दुर्भाग्यवश हुमायूँ और हमीदा बेगम दुश्मनों से बचकर यहाँ भागते हुए आए थे, तो भावी मुग़ल सम्राट अकबर का जन्म रविवार, 23 नवम्बर, 1542 ई. को इसी स्थान पर हुआ था।
- अधिकांश लोग अमरकोट को 'उमरकोट' समझने की प्राय: ग़लती करते हैं। वस्तुत: यह इलाका राजस्थान का अभिन्न अंग था।
- आज भी वहाँ हिन्दू राजपूत निवास करते हैं।
- रेगिस्तान और सिंध की सीमा पर होने के कारण अंग्रेज़ों ने इसे सिंध के साथ जोड़ दिया और विभाजन के बाद वह पाकिस्तान का अंग बन गया।
- हुमायूँ जब राज्यहीन होकर संरक्षण एवं आश्रय के लिए दर-दर भटक रहा था, तब ऐसी हीन एवं नैराश्यपूर्ण दुरावस्था में अमरकोट के राजपूत शासक राणा वीरसाल ने उसे शरण दी थी।
- अमरकोट के दुर्ग में ही सन 1542 ई. में अकबर का जन्म हुआ था।
- इस घटना का सूचक एक प्रस्तर स्तंभ आज भी अकबर के जन्म स्थान पर गड़ा हुआ है।
- कहा जाता है कि पुत्र के जन्म का समाचार हुमायूँ को उस समय मिला जब वह अमरकोट से कुछ दूरी पर ठहरा हुआ था।
- इस समय हुमायूँ अकिंचन था और उसने अपने साथियों को इस शुभ समाचार को सुनने के पश्चात् कस्तूरी के कुछ टुकड़े बांट दिए और कहा कि कस्तूरी की सुगन्ध की भांति ही बालक का यश:सौरभ संसार में भर जाए।
- हुमायूँ का यह आशीर्वाद आगे चलकर भविष्यवाणी सिद्ध हुआ और अकबर एक महान् बादशाह बना।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 30| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार