ताजमहल: Difference between revisions

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ताजमहल [[आगरा]], [[उत्तर प्रदेश]] राज्य, [[भारत]] में स्थित है। (निर्माण- सन 1632 से 1648 ई.)। ताजमहल आगरा शहर के बाहरी इलाके में [[यमुना नदी]] के दक्षिणी तट पर बना हुआ है। ताजमहल [[मुग़ल काल|मुग़ल]] शासन की सबसे प्रसिद्ध स्मारक है। सफेद संगमरमर की यह कृति संसार भर में प्रसिद्ध है और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंन्द्र है। ताजमहल विश्‍व के सात आश्‍चर्यों में से एक है।   
==इतिहास==
==इतिहास==
[[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] ने ताजमहल को अपनी पत्नी [[अर्जुमंद बानो बेग़म]], जिन्हें मुमताज़ महल भी कहा जाता था, की याद में बनवाया था। ताजमहल को [[शाहजहाँ]] ने मुमताज महल की क़ब्र के ऊपर बनवाया था। मृत्यु के बाद शाहजहाँ को भी वहीं दफ़नाया गया। मुमताज़ महल के नाम पर ही इस मक़बरे का नाम ताजमहल पड़ा। सन 1612 ई. में निकाह के बाद 1631 में प्रसूति के दौरान बुरहानपुर में मृत्यु होने तक अर्जुमंद शाहजहाँ की अभिन्न संगिनी बनी रहीं।
[[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] ने ताजमहल को अपनी पत्नी [[अर्जुमंद बानो बेग़म]], जिन्हें मुमताज़ महल भी कहा जाता था, की याद में बनवाया था। ताजमहल को [[शाहजहाँ]] ने मुमताज महल की क़ब्र के ऊपर बनवाया था। मृत्यु के बाद शाहजहाँ को भी वहीं दफ़नाया गया। मुमताज़ महल के नाम पर ही इस मक़बरे का नाम ताजमहल पड़ा। सन 1612 ई. में निकाह के बाद 1631 में प्रसूति के दौरान बुरहानपुर में मृत्यु होने तक अर्जुमंद शाहजहाँ की अभिन्न संगिनी बनी रहीं।
ताजमहज मुगल वास्‍तुकला का उत्‍कृष्‍ट नमूना है। इसके निर्माण में फारसी, तुर्क, भारतीय तथा इस्‍लामिक वास्‍तुकला का सुंदर सम्मिश्रण किया गया है। 1983 ई. में इसे युनेस्‍को विश्‍व धरोहर स्‍थल घोषित किया गया। इसे भारत की इस्‍लामी कला का [[रत्‍न]] भी घोषित किया गया है। ताजमहल का श्‍वेत गुम्‍बद एवं टाइल आकार में संगमरमर से ढका केन्‍द्रीय मक़बरा वास्‍तु सौंदर्य का अप्रितम उदाहरण है।<ref>{{cite web |url=http://www.yatrasalah.com/PhotoGallary.aspx?gallery=12 |title=ताजमहल |accessmonthday=[[12 अक्तूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=हिन्दी }}</ref>
==निर्माण==
==निर्माण==
ताजमहल का निर्माण सन 1632 के आसपास शुरु हुआ था। भारत, फ़ारस, मध्य एशिया और अन्य मुल्कों के वास्तुविदों की एक परिषद ने इस इमारत के निर्माण की एक योजना तैयार की थी। लगभग 1653 में ताजमहल का काम पूरा होने तक 20 हज़ार से भी अधिक श्रमिक और कारीगर प्रतिदिन ताजमहल के निर्माण में जुटे रहे। ताजमहल के आसपास की दीवार तथा मुख्य द्वार 1649 में बने थे। संपूर्ण ताज परिसर के निर्माण में 22 वर्ष का समय लगा और इसमें चार करोड़ रुपये ख़र्च हुए।
ताजमहल का निर्माण सन 1632 के आसपास शुरु हुआ था। भारत, फ़ारस, मध्य एशिया और अन्य मुल्कों के वास्तुविदों की एक परिषद ने इस इमारत के निर्माण की एक योजना तैयार की थी। लगभग 1653 में ताजमहल का काम पूरा होने तक 20 हज़ार से भी अधिक श्रमिक और कारीगर प्रतिदिन ताजमहल के निर्माण में जुटे रहे। ताजमहल के आसपास की दीवार तथा मुख्य द्वार 1649 में बने थे। संपूर्ण ताज परिसर के निर्माण में 22 वर्ष का समय लगा और इसमें चार करोड़ रुपये ख़र्च हुए।
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चित्र:Tajmahal-04.jpg|ताजमहल, [[आगरा]]<br /> Tajmahal, Agra
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
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Revision as of 07:10, 12 October 2010

[[चित्र:Tajmahal-03.jpg|ताजमहल, आगरा
Tajmahal, Agra|thumb]] ताजमहल आगरा, उत्तर प्रदेश राज्य, भारत में स्थित है। (निर्माण- सन 1632 से 1648 ई.)। ताजमहल आगरा शहर के बाहरी इलाके में यमुना नदी के दक्षिणी तट पर बना हुआ है। ताजमहल मुग़ल शासन की सबसे प्रसिद्ध स्मारक है। सफेद संगमरमर की यह कृति संसार भर में प्रसिद्ध है और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंन्द्र है। ताजमहल विश्‍व के सात आश्‍चर्यों में से एक है।

इतिहास

मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने ताजमहल को अपनी पत्नी अर्जुमंद बानो बेग़म, जिन्हें मुमताज़ महल भी कहा जाता था, की याद में बनवाया था। ताजमहल को शाहजहाँ ने मुमताज महल की क़ब्र के ऊपर बनवाया था। मृत्यु के बाद शाहजहाँ को भी वहीं दफ़नाया गया। मुमताज़ महल के नाम पर ही इस मक़बरे का नाम ताजमहल पड़ा। सन 1612 ई. में निकाह के बाद 1631 में प्रसूति के दौरान बुरहानपुर में मृत्यु होने तक अर्जुमंद शाहजहाँ की अभिन्न संगिनी बनी रहीं।

ताजमहज मुगल वास्‍तुकला का उत्‍कृष्‍ट नमूना है। इसके निर्माण में फारसी, तुर्क, भारतीय तथा इस्‍लामिक वास्‍तुकला का सुंदर सम्मिश्रण किया गया है। 1983 ई. में इसे युनेस्‍को विश्‍व धरोहर स्‍थल घोषित किया गया। इसे भारत की इस्‍लामी कला का रत्‍न भी घोषित किया गया है। ताजमहल का श्‍वेत गुम्‍बद एवं टाइल आकार में संगमरमर से ढका केन्‍द्रीय मक़बरा वास्‍तु सौंदर्य का अप्रितम उदाहरण है।[1]

निर्माण

ताजमहल का निर्माण सन 1632 के आसपास शुरु हुआ था। भारत, फ़ारस, मध्य एशिया और अन्य मुल्कों के वास्तुविदों की एक परिषद ने इस इमारत के निर्माण की एक योजना तैयार की थी। लगभग 1653 में ताजमहल का काम पूरा होने तक 20 हज़ार से भी अधिक श्रमिक और कारीगर प्रतिदिन ताजमहल के निर्माण में जुटे रहे। ताजमहल के आसपास की दीवार तथा मुख्य द्वार 1649 में बने थे। संपूर्ण ताज परिसर के निर्माण में 22 वर्ष का समय लगा और इसमें चार करोड़ रुपये ख़र्च हुए। [[चित्र:Tajmahal-1.jpg|thumb|ताजमहल, आगरा
Tajmahal, Agra|left]]

संरचना

ताजमहल 580×305 मीटर के आयताकार भूखंड पर बना हुआ है और उत्तर-दक्षिण की ओर संरेखित है। ताजमहल के भूखंड के मध्य में चौकोर बगीचा है, जिसकी हर भुजा की लम्बाई 305 मीटर है। यह बगीचा उत्तर तथा दक्षिण में दो छोटे आयताकार खंडों से घिरा है। दक्षिणी आयताकार खंड में परिसर और परिचारकों की इमारत में आने के लिए बलुआ पत्थर से बना प्रवेशद्वार है।

उत्तरी आयताकार खंड यमुना नदी के किनारे तक पहुँचता है। यहाँ सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भवन हैं, जैसे विख्यात मक़बरा, जिसके पश्चिमी और पूर्वी पार्श्व में एक जैसे दो भवन, मस्जिद और इसका जवाब (प्रत्युत्तर या सौंदर्यबोध को संतुलित रखने वाला भवन) हैं। इसके आसपास ऊँची चारदीवारी है, जिसके कोनों पर अष्टकोणीय मंडप हैं, जिसमें कंगूरे निकले हैं। यह चारदीवारी उत्तरी खंड तथा बगीचे के मध्य भाग को घेरे हुए है। दक्षिण में अस्तबल तथा पहरेदारों के कक्ष हैं।

संपूर्ण परिसर की योजना और निर्माण समग्रता के साथ किया गया, क्योंकि मुग़लकालीन भवन-निर्माण कार्यों में बाद में किसी तरह के जोड़-तोड़ का रिवाज नहीं था। मस्जिद और जवाब लाल सीकरी बलुआ पत्थरों से बने हैं। इनके गुंबद संगमरमर के हैं। कुछ कठोर पत्थर (पिएत्रा दुरा) का इस्तेमाल भी सतह पर सज्जा के लिए हुआ है। इनके विपरीत मक़बरा शुद्ध सफ़ेद मकराना संगमरमर का है।

मक़बरा सात मीटर ऊँचे संगमरमर के चबूतरे पर बना है, जिसमें चार एक जैसे खांचेदार प्रवेशद्वार हैं और एक विशाल मेहराब है, जिसकी ऊँचाई प्रत्येक फलक पर 33 मीटर है। ऊँचे बेलनाकार आधार पर टिके लट्टूनुमा छोटे गुंबद से मिलकर संरचना पूरी हो जाती है। मक़बरे के शीर्षों का सामंजस्य हर मेहराब के ऊपर मुंडेर व कलश और हर कोने पर छतरीनुमा गुंबद के द्वारा बैठाया गया है। चबूतरे के चारों कोनों पर एक-एक तिमंज़ली मीनार बनी है। मक़बरे का संगमरमर एकदम चिकना तराशा हुआ है, जबकि मीनारों में ईंट शैली में इसका इस्तेमाल हुआ है। मक़बरे के भीतर अष्टकोणीय कक्ष है, जो कम अलंकृत और बढ़िया पिएत्रा दुरा से बना है। यहाँ अर्जुमंद बानो बेगम और शाहजहाँ की क़ब्रे हैं। संगमरमर से बनी क़ब्रों पर क़ीमती पत्थर से नक़्क़ाशी की गई है और यह एक जालीदार दीवार से घिरे हैं, जिस पर पहले क़ीमती पत्थर जड़े हुए थे। बगीचे की सतह से नीचे एक तहख़ाने में वास्तविक ताबूत मौज़ूद हैं। दोनों के शव दफ़नाए गए थे। ताजमहल को मुग़लकालीन वास्तुकला की सर्वोत्तम उपलब्धि और दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत इमारतों में से एक माना जाता है। इस स्मारक का नक़्शा भारतीय वास्तुकार ईसा ने बनाया था। कुछ लोगों का अनुमान है कि नक़्शा बनाने में इटली अथवा फ्रांस के वास्तुकार की भी मदद ली गई थी।


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वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ताजमहल (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 12 अक्तूबर, 2010

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