हिडिंबा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:54, 21 March 2010 by गौरव (talk | contribs) (Text replace - "{{महाभारत}}" to "==अन्य लिंक== {{महाभारत}}")
Jump to navigation Jump to search

हिडिंबा / Hidimba

  • 'महाभारत' में हिडिम्ब नामक एक राक्षस का उल्लेख मिलता है।
  • इसका वध भीम ने किया था।
  • हिडिम्बा इसी हिडिम्ब नामक राक्षस की बहन थी।
  • हिडिम्ब की मृत्यु के अनन्तर इसने एक सुन्दरी का रूप धारण कर भीम से विवाह किया।
  • हिडिम्बा से भी भीम के घटोत्कच नामक पुत्र उत्पन्न हुआ

महाभारत में हिडिंबा

पांडवों के साथ कुंती ने एक गहन वन में प्रवेश किया। थकान के कारण भीमसेन के अतिरिक्त शेष सभी सो गये। पास ही एक वृक्ष के नीचे हिडिंब नामक राक्षस रहता था। वह मानव-भक्षी था। उसने अपनी बहन हिडिंबा को उन सबको मार डालने के लिए भेजा। हिडिंबा ने वहां पहुंचकर भीमसेन को जागा हुआ पाया। वह उस पर मुग्ध हो गयी तथा उसने भीम को अपने भाई के मंतव्य से अवगत करा दिया। भीमसेन ने राक्षस हिडिंब को मार डाला, उसी की बांहों से उसे बांधकर उसकी कमर तोड़ डाली तथा कुंती और युधिष्ठर की आज्ञा के कारण हिडिंबा से गांधर्व विवाह कर लिया। कुंती ने हिडिंबा के सम्मुख स्पष्ट कर दिया था कि वह भीम के साथ तभी तक विहार करेगी तब तक पुत्र की प्राप्ति नहीं होगी। हिडिंबा आकाश में उड़ सकती थी, सभी को उठाकर तेजी से चलने में समर्थ थी तथा भूत और भविष्य देख सकती थी। वह उन सबको शालिहोत्र मुनि के आश्रम में ले गयी। उसने बताया कि भविष्य में वहां व्यास आयेंगे और उनसे मिलने के बाद वे सब कष्टों से मुक्त हो जायेगें। राक्षसी गर्भ धारण करते ही शिशु को जन्म देने में समर्थ थी। कालांतर में हिडिंबा को गर्भ हुआ तथा बालक का जन्म हुआ जिसका नाम घटोत्कच रखा गया क्योंकि उसके सिर पर बहुत कम बाल थे। वह अत्यंत शक्तिसंपन्न था। पांडवों तथा कुंती को प्रणाम करके यह कहकर कि कभी भी याद करने पर वे उपस्थित हो जायेंगे, उन दोनों ने विदा ली। इन्द्र ने कर्ण की शक्ति का आघात सहने के लिए घटोत्कच की सृष्टि की थी। [1]

टीका-टिप्पणी

  1. महाभारत, आदिपर्व, अ॰ 151-154


अन्य लिंक

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः